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वाराणसी में दो प्रधानमंत्रियों की द्विपक्षीय वार्ता, भारत और मॉरीशस के बीच क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर चर्चा, मोदी बोले, भारत और मॉरीशस साझेदार नहीं, बल्कि एक परिवार

वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संसदीय क्षेत्र काशी में गुरुवार को मॉरीशस के प्रधानमंत्री डॉ. नवीनचंद्र रामगुलाम के साथ द्विपक्षीय वार्ता की। प्रतिनिधिमंडल स्तर की इस वार्ता में द्विपक्षीय सहयोग, क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर व्यापक चर्चा हुई। इस दौरान पीएम मोदी ने चागोस समझौता संपन्न होने पर मॉरीशस के प्रधानमंत्री को बधाई दी और इसे मॉरीशस की संप्रभुता की ऐतिहासिक जीत बताया।

काशी : भारत की सभ्यता और सांस्कृतिक आत्मा का प्रतीक

वार्ता के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि काशी भारत की सभ्यता और सांस्कृतिक आत्मा का प्रतीक है। उन्होंने कहा, “मेरे लिए यह गर्व का विषय है कि मुझे अपने संसदीय क्षेत्र में मॉरीशस के प्रधानमंत्री का स्वागत करने का अवसर मिला। हमारी संस्कृति और संस्कार सदियों पहले भारत से मॉरीशस पहुंचे और वहां की जीवन-पद्धति में रच-बस गए। काशी में गंगा की अविरल धारा की तरह भारतीय संस्कृति का प्रवाह लगातार मॉरीशस को समृद्ध करता रहा है। आज जब हम काशी में मॉरीशस के मित्रों का स्वागत कर रहे हैं, यह केवल एक औपचारिकता नहीं, बल्कि आध्यात्मिक मिलन है। भारत और मॉरीशस केवल साझेदार नहीं, बल्कि एक परिवार हैं।”

चागोस समझौते पर बधाई, संप्रभुता की ऐतिहासिक जीत

प्रधानमंत्री मोदी ने वार्ता के दौरान कहा कि भारत ने हमेशा उपनिवेशवाद के विरोध और मॉरीशस की संप्रभुता की पूर्ण मान्यता का समर्थन किया है। उन्होंने कहा, “चागोस समझौते का संपन्न होना मॉरीशस की संप्रभुता की ऐतिहासिक जीत है और इसमें भारत ने हमेशा मजबूती से साथ दिया है।”

 

मॉरीशस के विकास में भारत की साझेदारी

पीएम मोदी ने कहा कि मॉरीशस के विकास में भारत का एक विश्वसनीय और प्राथमिक साझेदार होना गर्व की बात है। उन्होंने बताया कि दोनों देशों ने मिलकर एक विशेष आर्थिक पैकेज पर निर्णय लिया है, जिससे इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत होगा, रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और स्वास्थ्य सुविधाओं को सुदृढ़ किया जाएगा। उन्होंने यह भी जानकारी दी कि भारत के बाहर पहला जन औषधि केंद्र अब मॉरीशस में स्थापित हो चुका है।

सर शिवसागर रामगुलाम को श्रद्धांजलि

पीएम मोदी ने कहा कि इस वर्ष मॉरीशस के राष्ट्रपिता और भारत-मॉरीशस संबंधों के संस्थापक सर शिवसागर रामगुलाम की 125वीं जयंती मनाई जा रही है। उन्होंने कहा, “रामगुलाम जी केवल मॉरीशस के राष्ट्रपिता ही नहीं, बल्कि दोनों देशों के बीच अटूट सेतु के संस्थापक भी थे। उनकी जयंती हमें अपने रिश्तों को नई ऊंचाई पर ले जाने की प्रेरणा देती है।”

मॉरीशस के पीएम ने जताया आभार

वार्ता के बाद मॉरीशस के प्रधानमंत्री डॉ. नवीनचंद्र रामगुलाम ने पीएम मोदी और भारत सरकार का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा, “वाराणसी पहुंचते ही मुझे और मेरी पत्नी को जो स्वागत मिला, वह किसी भी प्रधानमंत्री को अब तक नहीं मिला होगा। मैं समझ सकता हूं कि लोग इतनी बड़ी संख्या में आपको क्यों चुनते हैं। यह भारत की मेरी चौथी आधिकारिक यात्रा है और हर बार मुझे भारत की आत्मीयता और अपनापन महसूस हुआ है।”

तीन दिवसीय दौरे पर वाराणसी पहुंचे हैं मॉरीशस पीएम 

मॉरीशस के प्रधानमंत्री पत्नी के साथ तीन दिवसीय काशी दौरे पर आए हैं। वे बुधवार की शाम ही वाराणसी पहुंच गए। वे ताज होटल में ठहरे हैं। गुरुवार को उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के साथ द्विपक्षीय वार्ता की। पीएम मोदी चार घंटे बाद वाराणसी से देहरादून के लिए रवाना हो गए। वहीं मॉरीशस पीएम गुरुवार की शाम दशाश्वमेध घाट की गंगा आरती देखने पहुंचे। शुक्रवार को बाबा विश्वनाथ का दर्शन-पूजन करने के बाद अयोध्या के लिए रवाना होंगे।

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