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वाराणसी। मऊ के बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी के सहयोगियों पर पुलिस का शिकंजा कसता ही जा रहा है। पुलिस प्रशासन और सरकार के आए दिन चल रहे चाबुक से घबराए मुख्तार के बेहद करीबी मेराज अहमद उर्फ भाई मेराज ने शनिवार की सुबह जैतपुरा थाने की सरैया चाौकी पर आखिरकार सरेंडर कर दिया। उसके पकड़ने करते ही पुलिस महकमे में खलबली मच गई। क्योंकि पुलिस काफी दिनों से उसे पकड़ने की फिराक में थी।
मुख्तार के खासमखास मेराज अहमद के खिलाफ फर्जी दस्तावेज के आधार पर कई थाना क्षेत्रों से कई शस्त्र लाइसेंस बनवाने के आरोप हैं। इस मामले में उसके खिलाफ जैतपुरा और कैंट थाने में मुकदमा दर्ज किया गया था। जिला पुलिस की रिपोर्ट पर वाराणसी के जिलाधिकारी ने मेराज से संबंधित नौ शस्त्र लाइसेंस निलंबित कर दिए हैं। मेराज को पकड़ने के लिए पुलिस की अलग अलग टीमें जगह-जगह दबिश दे रही थीं। इसी बीच शनिवार को मेराज ने पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया है। मूल रूप से गाजीपुर जिले के करीमुद्दीनपुर थाने के महेन निवासी मेराज वाराणसी में पहड़िया क्षेत्र की अशोक विहार कॉलोनी में रहता है। उसके सरेंडर करने की सूचना जैसे ही आम हुई पुलिस के उच्चाधिकारियों में हलचल मच गई और उससे पूछताछ करने के लिए मौके पर पहुंच गए।