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चंदौली में पेयजल के लिए मचेगा हाहाकार, बिजली विभाग काट रहा नलकूपों के कनेक्शन

रिपोर्टः जय तिवारी

चंदौली। नगरीय और कस्बाई इलाकों के लोग पेयजल की किल्लत झेलने को तैयार रहें। करोड़ो का बकाया होने के कारण बिजली विभाग ने अभियान चलाकर पानी टंकियों से जुड़े नलकूपों का कनेक्शन काटना शुरूकर दिया है। एमडी विद्युत के निर्देश पर पूर्वांचल के सभी जिलों में यह अभियान चलाया जा रहा है। यानी पाइपलाइन के जरिए पेयजल की आपूर्ति नहीं हो सकेगी।

अभियान चलाकर काटे जा रहे कनेक्शन
दरअसल जलनिगम और बीएसएनएल पर 200 करोड़ से अधिक बिजली बिल बकाया है। पावर कारपोरेशन के एमडी के निर्देश पर विभाग विद्युत विच्छेदन की कार्रवाई कर रहा है। इससे पेयजल संकट गहराने की आशंका है। पाइपलाइन से पेयजल की आपूर्ति वाले क्षेत्रों में पानी का संकट उत्पन्न हो जाएगा। खासकर बाढ़ की वजह से पहले से ही आफत झेल रहे गंगा के तटवर्ती इलाकों में ग्रामीणों की मुश्किलें और बढ़ जाएंगी। जलनिगम की लापरवाही का खामियाजा आमजन को भुगतना पड़ेगा।

200 करोड़ का बिजली बिल बकाया
जलनिगम व बीएसएनएल पर लगभग 200 करोड़ रुपये बिल बकाया है। बिजली विभाग की ओर से बिल जमा करने के लिए विभागों को नोटिस भेजी गई थी। हालांकि उन्होंने गंभीरता से नहीं लिया। ऐसे में पावर कारपोरेशन के एमडी ने सभी पानी टंकियों की मीटर की जांच कर अधिक बिल बकाया होने पर तत्काल कनेक्शन काटने का निर्देश दिया है। इससे विभाग हरकत में आ गया है। बहरहाल, पड़ाव क्षेत्र के बहादुरपुर, पड़ाव, सतपोखरी, व्यासपुर शाहुपुरी, सूजाबाद, पड़ाव, मलोखर, हरिशंकरपुर, बहादुरपुर नलकूप संख्या दो, डोमरी, पड़ाव, सतपोखरी नलकूप संख्या दो, नलकूप संख्या तीन समेत कई नलकूपों के मीटर की जांच की गई। काफी दिनों से बिल बकाया होने पर कनेक्शन काट दिया गया। इसी तरह नियामताबाद और गोधना क्षेत्र में भी कनेक्शन काट दिए गए हैं। विभाग का बीएसएनएल पर भी करोड़ों रुपये बिल बकाया है। ऐसे में कनेक्शन काटने की कार्रवाई जल्द ही हो सकती है। कनेक्शन काटे जाने की वजह से पेयजल संकट गहराने की आशंका बढ़ गई है।

-एक्सईएन बिजली आशीष सिंह का कहना है कि सरकारी विभागों पर काफी बिजली बिल बकाया है। विभाग हिसाब चुकता नहीं कर रहे। जलनिगम पर भी करोड़ो रुपये बकाया हैं। एमडी विद्युत के निर्देश पर पूरे पूर्वांचल में यह अभियान चलाया जा रहा है।

– एक्सईएन जलनिगम हेमंत सिंह का कहना है कि पहले बिल विभाग के मुख्यालय से जमा हो जाता था। बिजली विभाग का कहना है कि अब वहां से बिल जमा नहीं हो रहा। बगैर नोटिस दिए कनेक्शन काटा जा रहा है। 75 प्रतिशत कनेक्शन काटे जा चुके हैं। जिले स्तर पर इतना फंड नहीं होता कि बिजली बिल जमा कर सकें। इसीलिए यह व्यवस्था थी कि यहां से बिल सत्यापित होकर विभागीय मुख्यालय जाता था वहीं से भुगतान होता था। लेकिन विभाग बगैर नोटिस के कनेक्शन काट रहा है। जबकि वाराणसी और बलिया आदि जनपदों में कनेक्शन काटने से पहले नोटिस दी गई थी। विभाग से इसकी शिकायत की जाएगी।

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