
चंदौली। बबुरी थाना क्षेत्र के अकोढ़वा निवासी कमलेश मौर्य की पुत्री डाली की विगत दिनों संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। घर से बैंक जाने के लिए निकली किशोरी रहस्यमय तरीके से सोनभद्र जिले के सुकृत थाना क्षेत्र में गंभीर अवस्था में मिली। पुलिस ने उसे संयुक्त जिला चिकित्सालय, सोनभद्र में भर्ती कराया, जहां उसकी मौत हो गई। घटना बीते 12 जून की है। पुलिस ने बगैर पोस्टमार्टम शव परिजनों को सौंप दिया। डेथ सर्टिफिकेट में डाक्टर में जहर से मौत होना बताया। अब पूर्व आईजी अमिताभ ठाकुर और उनकी पत्नीसामाजिक कार्यकर्ता नूतन ठाकुर ने पुलिस की भूमिका पर सवाल उठाते हुए निष्पक्ष जांच की मांग की है। उनका कहना है कि बगैर पोस्टमार्टम यह कैसे सिद्ध हो सकता है कि मौत जहर के सेवन से हुई है।
पूर्व आईजी के तीखे आरोप, पुलिस की भूमिका को बताया संदिग्ध
पूर्व आईजी अमिताभ ठाकुर तथा डॉ नूतन ठाकुर ने डाली मौर्या पुत्री कमलेश मौर्या निवासी अकोढ्वा थाना बबुरी, चंदौली की अत्यंत रहस्यमय मौत तथा उससे जुडी गंभीर अनियमितताओं की जाँच की मांग की है। एडीजी जोन वाराणसी सहित अन्य सभी संबंधित अफसरों को भेजी अपनी शिकायत में उन्होंने कहा कि डॉली की मौत 12 जून 2021 की रात संयुक्त जिला चिकित्सालय, सोनभद्र में होना बताया गया है। अस्पताल के डेथ सर्टिफिकेट के अनुसार मृत्यु का कारण जहर है। बताया जा रहा है कि डॉली सुबह बैंक जाने के लिए घर से साइकिल से निकली। रात लगभग 9 बजे उसके घरवालों को सुकृत, सोनभद्र के पुलिसकर्मी का फोन आया कि उनकी बच्ची जिला
अस्पताल सोनभद्र में भर्ती है, जहाँ वह मृत मिली। इसके बाद बिना पोस्टमार्टम उसका शव उसके परिजनों को दे दिया गया और अंतिम संस्कार कर दिया गया। अमिताभ तथा नूतन ने कहा कि डॉली की मौत के दिन की तमाम बातें विश्वसनीय नहीं दिखती हैं। साथ ही जिला अस्पताल द्वारा बिना पोस्टमार्टम मृत्यु का कारण जहर लिख देना पूरी तरह गलत एवं गैर-कानूनी है। इसी प्रकार जहर से मौत की शंका होने के बाद भी पंचायतनामा तथा पोस्टमार्टम नहीं कराया जाना भी पूरी तरह गैर-कानूनी है। आरोप लगाया कि इस मामले में चंदौली के कुछ ताकतवर लोगों द्वारा हत्या तथा पुलिस व डॉक्टरों से मिलकर फर्जी अभिलेख बनाने एवं परिवार को अपने वश में करने की चर्चा है। पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच करवाते हुए कार्यवाही की मांग की है।