
चंदौली। डीडीयू जंक्शन पर यात्रियों के लिए बोतलबंद पानी महज प्यास बुझाने का जरिया है, लेकिन इसके पीछे लाखों रुपये का भ्रष्टाचार छिपा है। स्टेशन परिसर और ट्रेनों में धड़ल्ले से अवैध वेंडरिंग की जा रही है। आरोप है कि आरपीएफ, कमर्शियल विभाग और आईआरसीटीसी के कुछ भ्रष्ट अधिकारियों की मिलीभगत से यह खेल लंबे समय से चल रहा है।
रेलवे ने यात्रियों को शुद्ध और सस्ता पानी उपलब्ध कराने के लिए रेल नीर की आपूर्ति सुनिश्चित की है। सख्त निर्देश हैं कि स्टेशन और ट्रेनों में केवल रेल नीर ही बेचा जाए। यदि कमी हो तो कुछ चुनिंदा नामी ब्रांड्स को ही अस्थायी रूप से अनुमति दी जाती है। लेकिन अवैध वेंडरिंग करने वाले खिलाड़ी इसी छूट का गलत फायदा उठाते हैं।
सूत्रों के अनुसार, जंक्शन और ट्रेनों में रेल नीर के बजाय दोयम दर्जे का स्थानीय स्तर पर तैयार बोतलबंद पानी खुलेआम बेचा जा रहा है। इसकी आपूर्ति रोडवेज डिपो के पास बने एक अवैध गोदाम से की जाती है, जो एक चर्चित ठेकेदार से जुड़ा बताया जा रहा है।
मामले में सबसे गंभीर पहलू यह है कि रेल सुरक्षा और व्यवस्था देखने वाले कुछ अधिकारी यात्रियों की जान और सेहत से खिलवाड़ कर अपनी जेबें भर रहे हैं। इससे न सिर्फ यात्रियों की सुरक्षा खतरे में है बल्कि रेलवे को भी प्रतिमाह लाखों रुपये का नुकसान उठाना पड़ रहा है।