
चंदौली। खनन अधिकारी पर मुकदमा दर्ज होने के बावजूद निलंबन की कार्रवाई न किए जाने पर सवाल खड़े होने लगे हैं। इसको लेकर युवा संघर्ष मोर्चा के संयोजक एवं सिविल बार एसोसिएशन के उपाध्यक्ष शैलेंद्र पांडेय एडवोकेट ने मंगलवार को सीएम के नाम संबोधित पत्रक एसडीएम सकलडीहा को सौंपा। उन्होंने पूरे मामले की गंभीरता से जांचकर दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की।
शैलेंद्र पांडे ने कहा कि सामान्यतः किसी भी सरकारी अधिकारी पर आपराधिक मुकदमा दर्ज होते ही विभागीय कार्रवाई के तहत तत्काल निलंबन किया जाता है, लेकिन यह मामला इससे बिल्कुल अलग है। उनके अनुसार, चंदौली के खनन अधिकारी के खिलाफ सकलडीहा थाने में अपराध संख्या 99/2025 धारा 115(2), 308(2) तथा 7/8 भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज होने के बावजूद अब तक निलंबन की कार्रवाई नहीं हुई है।
उन्होंने आरोप लगाया कि न केवल अधिकारी को पद पर बने रहने दिया गया, बल्कि हाल ही में उन पर एक और आरोप भी लगा है। इससे स्पष्ट होता है कि विभाग में भ्रष्टाचार गहराई तक फैला हुआ है और खनन विभाग “भ्रष्टाचार का अड्डा” बन चुका है। शैलेंद्र पांडेय ने कहा कि इस स्थिति से सरकार के राजस्व को सीधा नुकसान हो रहा है और इसमें लिप्त अधिकारी अपनी जिम्मेदारियों का दुरुपयोग कर रहे हैं।
उन्होंने प्रशासन की निष्क्रियता पर भी सवाल उठाते हुए इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि जब भ्रष्टाचार के गंभीर मामलों में भी अधिकारी बेखौफ पद पर बने रह सकते हैं, तो यह शासन की छवि और जनता के भरोसे दोनों के लिए हानिकारक है। उन्होंने मांग की कि इस प्रकरण की गंभीरता से जांच हो और दोषी पाए जाने पर संबंधित अधिकारी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।