
चंदौली। जिलाधिकारी चन्द्र मोहन गर्ग ने मंगलवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से जिले के विभिन्न विकास खंडों के 100 पंचायत सहायकों से संवाद कर उनके कार्यों की समीक्षा की। इस दौरान ग्राम सचिवालयों को शासन की मंशा के अनुरूप सक्रिय और जनसेवा का सशक्त माध्यम बनाने पर विशेष जोर दिया गया।
वीडियो कांफ्रेंसिंग में जिलाधिकारी ने पंचायत सहायकों को ग्राम पंचायत स्तर पर उनके कर्तव्यों और दायित्वों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि ग्राम सचिवालयों में उपकरणों, रजिस्टरों, बिजली, इंटरनेट, जनकल्याणकारी योजनाओं जैसे आयुष्मान कार्ड, फैमिली कार्ड, शिकायत रजिस्टर, परिसंपत्ति रजिस्टर, आय, जाति, निवास प्रमाणपत्र, परिवार रजिस्टर, खसरा-खतौनी आदि की उपलब्धता अनिवार्य रूप से सुनिश्चित की जाए।
उन्होंने निर्देश दिया कि पंचायत सहायकों को ग्रामीणों की समस्याओं के समाधान के लिए तत्पर रहना चाहिए और हर स्तर पर योजनाओं के प्रचार-प्रसार के साथ पात्र लाभार्थियों तक योजनाओं का लाभ पहुंचाना सुनिश्चित करना होगा। उन्होंने कहा कि पंचायत भवन को सक्रिय बनाना और ग्राम सचिवालय के माध्यम से सभी आवश्यक सेवाएं सुलभ कराना पंचायत सहायकों की प्राथमिक जिम्मेदारी है।
इस बैठक में पंचायत सहायकों से ग्राम स्तर पर आने वाली चुनौतियों और समस्याओं पर चर्चा की गई। जिलाधिकारी ने सभी सहायक विकास अधिकारियों (पंचायत) को निर्देशित किया कि प्रत्येक पंचायत में क्यूआर कोड की शत-प्रतिशत उपलब्धता सुनिश्चित कराई जाए। साथ ही, यह भी कहा गया कि तीन दिन के भीतर सभी पंचायत सहायकों को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से प्रशिक्षण दिया जाए और ग्रामवार रिपोर्ट जिला पंचायत राज अधिकारी के माध्यम से जिलाधिकारी को सौंपी जाए।
जिलाधिकारी ने यह भी स्पष्ट किया कि प्रत्येक सप्ताह 100 पंचायत सहायकों से कार्यों की वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से समीक्षा की जाएगी। जो सहायक उत्कृष्ट कार्य करेंगे, उन्हें एक माह में सम्मानित भी किया जाएगा। मुख्य विकास अधिकारी आर. जगत साईं ने भी पंचायत सहायकों को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि प्रत्येक सप्ताह पंचायत सहायकों से कम से कम एक घंटे संवाद कर उनके कार्यों की जानकारी ली जाएगी। उन्होंने बेहतर प्रदर्शन के लिए दुगुनी मेहनत से कार्य करने का निर्देश दिया और यह भी स्पष्ट किया कि कार्य में लापरवाही बरतने वाले पंचायत सहायकों पर दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। साथ ही सचिव एवं सहायक विकास अधिकारियों को पंचायत सहायकों की शत-प्रतिशत उपस्थिति सुनिश्चित कराने की जिम्मेदारी सौंपी गई।