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Chandauli News :  मोहर्रम का चांद दिखते ही तैयारियों में जुटे ताजियादार, निकाले गए जुलूस

चंदौली। इस्लामी कैलेंडर के अनुसार वर्ष का पहला महीना मोहर्रम जैसे ही शुरू हुआ, गुरुवार को चांद नजर आते ही पूरे जिले में मोहर्रम की तैयारियां शुरू हो गईं। मोहर्रम माह हजरत इमाम हुसैन की शहादत की याद में मनाया जाता है, जो इस्लाम धर्म के पैगंबर हजरत मोहम्मद साहब के नवासे थे। इसी गमगीन याद में मुस्लिम समाज हर वर्ष मोहर्रम के मौके पर ताजिया बनाकर जुलूस निकालता है और कर्बला की कुर्बानी को याद करता है।

 

चांद दिखते ही कसाब महाल से जुलूस निकालकर काली महाल चौराहे तक ले जाया गया। वहीं दुल्हीपुर और सतपोखरी जैसे इलाकों में भी जुलूस निकाले गए, जहां लोगों की भारी भीड़ देखने को मिली। जुलूस के दौरान अकीदतमंदों ने इमाम हुसैन की याद में नौहा पढ़े और मातम किया।

 

शहर के प्रमुख मुस्लिम बहुल इलाकों जैसे कसाब महाल, मुस्लिम महाल, शाह कोठी, नई बस्ती इस्लामपुर, अलीनगर, प्लांट डिपो, गोबरिया, दुल्हीपुर, सतपोखरी, मलोखर, कुंडा, पड़ाव, बहादुरपुर, लौंडा, झांसी, डिग्गी आदि में ताजिया निर्माण जोरों पर है। कारीगर दिन-रात मेहनत करके ताजियों को अंतिम रूप देने में जुटे हैं। कहीं थर्माकोल से बनी नक्काशी, तो कहीं रंगीन पेपर, मोतियों, सितारों और जरी से सजे लकड़ी के ढांचे पर आकर्षक ताजिए बनाए जा रहे हैं।

 

मोहर्रम की परंपरा को जीवंत रखने के लिए अखाड़ों के खिलाड़ी भी पूरी तैयारी में हैं। चांद दिखाई देने के बाद से ही अखाड़ों के खिलाड़ी अपने-अपने करतब का अभ्यास शुरू कर चुके हैं। शाम से लेकर रात तक अभ्यास कर वे जुलूस के दिन अपने विशेष खेल का प्रदर्शन करेंगे।

 

कमेटियों के जिम्मेदार लोग ताजिया जुलूस को व्यवस्थित और शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न कराने के लिए तैयारी में जुटे हुए हैं। जिले भर में मोहर्रम को लेकर गहमागहमी का माहौल है और ताजियों की भव्यता इस बार भी लोगों के आकर्षण का केंद्र बनने जा रही है।

 

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