fbpx
ख़बरेंचंदौली

Chandauli News : चंदौली में उर्वरक वितरण की सख्त निगरानी, खाद के साथ जबरन सल्फर, जिंक देने वाले दुकानदारों पर होगी कार्रवाई, इस नंबर पर करें शिकायत  

चंदौली। जिले में उर्वरक विक्रेताओं पर शिकंसा कस गया है। कृषि विभाग की ओर से दुकानदारों को सख्त निर्देश जारी किए गए हैं कि खाद के साथ जबरन सल्फर, जिंक आदि किसानों को बेचने की शिकायत मिली तो संबंधित के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। किसानों की शिकायत के बाद जिला कृषि अधिकारी विनोद यादव ने निर्देश जारी किया है।

 

उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि किसानों को उर्वरक उनकी फसल की आवश्यकता और सहमति के अनुसार ही प्रदान किया जाए। यदि किसी विक्रेता द्वारा यूरिया या अन्य उर्वरकों के साथ सल्फर, जिंक आदि उत्पादों की जबरन टैगिंग की जाती है या निर्धारित दर से अधिक मूल्य वसूला जाता है, तो उसके विरुद्ध कठोर विधिक कार्यवाही की जाएगी।

 

उन्होंने जानकारी दी कि वर्तमान समय में जनपद में यूरिया, डीएपी, पोटाश, एनपीके और एसएसपी जैसे सभी प्रमुख उर्वरक पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं, जिससे किसानों को किसी भी प्रकार की किल्लत का सामना नहीं करना पड़ेगा। जनपद में उपलब्ध उर्वरकों का विवरण इस प्रकार है। यूरिया: 17836.31 मैट्रिक टन, डीएपी: 5076.17 मैट्रिक टन, पोटाश: 848.3 मैट्रिक टन, एनपीके: 2329.6 मैट्रिक टन और एसएसपी: 10873.72 मैट्रिक टन है।

 

उन्होंने किसानों को सलाह दी कि उर्वरक खरीदते समय आधार कार्ड और भूमि की खतौनी साथ में लाना अनिवार्य है। उर्वरक की खरीद पीओएस मशीन पर अंगूठा लगाकर फसल की आवश्यकता के अनुसार ही की जाए और स्मार्ट कैश मेमो (रसीद) अवश्य प्राप्त किया जाए।

 

जिला कृषि अधिकारी ने यह भी निर्देशित किया कि यदि कोई किसान 5 बोरी से अधिक उर्वरक लेता है, तो विक्रेता को उसकी खतौनी और फसल विवरण के आधार पर ही वितरण करना होगा। साथ ही सभी उर्वरक विक्रेताओं को अपने प्रतिष्ठान पर रेट बोर्ड और स्टॉक की जानकारी स्पष्ट रूप से प्रदर्शित करनी होगी।

 

किसानों से अपील की गई है कि यदि कोई विक्रेता उर्वरकों के साथ जबरन अन्य उत्पाद बेचने का प्रयास करता है या अनियमितता करता है, तो इसकी लिखित शिकायत कार्यालय समय (10:00 बजे से 5:00 बजे तक) 7839882312 नंबर पर दर्ज कराएं। इससे संबंधित विक्रेता के विरुद्ध नियमानुसार कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। इस दिशा में की गई सख्ती से किसानों को राहत और पारदर्शिता दोनों की उम्मीद है।

 

Back to top button