
चंदौली। प्रमुख सचिव, कृषि विभाग उत्तर प्रदेश शासन लखनऊ के निर्देश पर जनपद चंदौली में औद्योगिक इकाइयों में अनुदानित यूरिया के संभावित दुरुपयोग की जांच को संयुक्त छापेमारी अभियान चलाया गया। जिलाधिकारी चंद्र मोहन गर्ग के आदेश पर उप कृषि निदेशक, जिला कृषि अधिकारी, उप संभागीय कृषि प्रसार अधिकारी एवं उपायुक्त उद्योग की संयुक्त टीम ने जांच की।
टीम ने कैटल फीड, कुक्कुट फीड, साबुन, पेंट, वार्निश, मुद्रण स्याही, लिबास चादरें, प्लाईवुड, लैमिनेट बोर्ड और पार्टिकल बोर्ड निर्माण से जुड़ी कुल 12 औद्योगिक इकाइयों एवं उनके गोदामों का निरीक्षण किया। इस दौरान तकनीकी ग्रेड यूरिया का एक नमूना परीक्षण हेतु संग्रहित किया गया।
जांच में पाया गया कि इन इकाइयों द्वारा अनुदानित यूरिया का उपयोग नहीं किया गया है। फिर भी सभी औद्योगिक संस्थाओं को कड़े निर्देश दिए गए हैं कि किसी भी उत्पाद में अनुदानित यूरिया का उपयोग न करें। यदि भविष्य में निरीक्षण या परीक्षण के दौरान इसका उल्लंघन पाया गया तो उर्वरक नियंत्रण आदेश 1985 के अंतर्गत कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी। अनुदानित उर्वरक की कालाबाजारी पर रोक लगाने हेतु यह अभियान आगे भी जारी रहेगा।