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यूक्रेन में फंसे चंदौली के युवकों ने परिवार वालों को सुनाई युद्ध की दास्तां, हास्टल में दिन तो बंकर में कट रही रात

चंदौली। रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच यूक्रेन में फंसे डिग्घी गांव निवासी दोनों मेडिकल छात्र घरवापसी की पुरजोर कोशिश कर रहे हैं। अदनान शाह गुरुवार को आठ किलोमीटर पैदल चलकर पौलेंड पहुंच गए थे। हालांकि पोलैंड से भारत आने की फौरी तौर पर व्यवस्था न होने की वजह से दूतावास के अधिकारियों ने उन्हें वापस लौटा दिया। अदनान ने पिता मुनौव्वर अली से फोन पर बातचीत में इसके बारे में बताया।

अदनान ने बताया कि रूस के हमले के बाद यूक्रेन में हालात बदतर हो चुके हैं। किसी भी वक्त मिसाइल व बम गिरने और गोलीबारी का खतरा मंडरा रहा है। रात के वक्त रूस के हमले और तेज हो जा रहे। ऐसे में मेडिकल छात्रों का दिन तो हास्टल और रात बंकर में कट रही है। उन्होंने कहा कि युद्ध की विभीषिका के बीच हालात बहुत खराब हो गए हैं। इससे लोग खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। हर वक्त जान के लिए खतरा बना हुआ है। बताया कि जानकारी मिली थी कि पोलैंड से भारत जाने के लिए फ्लाइट जाने की सूचना मिली थी। इस पर गुरुवार को आठ किलोमीटर पैदल चलकर पोलैंड पहुंच गए थे, लेकिन वतन वापसी की व्यवस्था नहीं हो सकी। ऐसे में भारतीय दूतावास ने वापस लौटने के लिए कहा। इसके बाद वापस हास्टल आ गए। बताया कि दिन में तो हास्टल में ही रहते हैं, लेकिन रात के वक्त खतरा बढ़ गया है। इसलिए रात के वक्त बंकर में चले जाते हैं।

यूक्रेन को हमले का था अंदेशा, पहले ही बना लिए थे बंकर
अदनान ने बताया कि रूस व यूक्रेन के बीच तनाव की स्थिति काफी दिनों से बनी हुई थी। ऐसे में यूक्रेन को रूस के हमले का अंदेशा था। इसलिए पहले की हर शहर में लोगों के छिपने के लिए बंकर बनवा लिए थे। कुछ बंकर हमले के बाद बनाए गए। जमीन के नीचे बंकर में हजारों लोग जिंदगी बचा रहे हैं।

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