
चंदौली। चकिया बीडीओ रहे रविंद्र प्रताप यादव, दो ग्राम पंचायत अधिकारी समेत सात लोगों पर कोर्ट के आदेश पर मुकदमा दर्ज किया गया है। उनके खिलाफ कुटुंब रजिस्टर में गलत तरीके से नाम दर्ज कर संपत्ति का वारिस बनाने से जुड़ा है। तत्कालीन बीडीओ के खिलाफ मुकदमा दर्ज होने से प्रशासनिक अमले में हड़कंप मचा है।
उमेश कुमार ने सीजेएम कोर्ट में प्रार्थना पत्र दाखिल किया था। बताया कि वह व उनकी बहन काजल स्व. सत्येंद्र कुमार के पुत्र व पुत्री हैं। उनकी चल व अचल संपत्ति के नैसर्गिक व विधिक वारिस व उत्तराधिकारी हैं। प्रार्थी व उनकी बहन नाबालिग थे, तभी पिता की मृत्यु हो गई। गामा ने साजिश के तहत बीडीओ व ग्राम पंचायत अधिकारियों और अन्य के साथ मिलीभगत कर कूटरचित तरीके से उनका व उनकी बहन का नाम कटवाकर रामनिवास दत्तक पुत्र स्व. रामकेश करा लिया। वहीं खतौनी में भी रामनिवास का दर्ज करा दिया। फर्जीवाड़े की जानकारी के बाद प्रार्थी ने बीडीओ से अपने, बहन काजल व पिता के परिवार रजिस्टर की सत्य प्रतिलिप मांगी गई, लेकिन बीडीओ व ग्राम पंचायत अधिकारी टाल-मटोल करते रहे। इस पूरे प्रकरण को संज्ञान में रखते हुए सीजेएम कोर्ट ने तत्काली बीडीओ रविंद्र प्रताप, ग्राम विकास अधिकारी श्रीचंद, ग्राम विकास अधिकारी अश्वनी कुमार गौतम, मुजफ्फरपुर निवासी गामा, शिकारगंज के मुसई, केदार के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया। चकिया कोतवाल ने बताया कि कोर्ट के आदेश पर बीडीओ समेत सात के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। मामले की विवेचना प्रचलित है।