
चंदौली। कोडीनयुक्त कफ सिरप प्रकरण की आंच जिले तक पहुंच गई है। गैर जनपद से आई पुलिस ने गुरुवार देर रात राममंदिर क्षेत्र निवासी एक युवक को उसके घर से उठा लिया। सूत्रों के अनुसार सिविल ड्रेस में पहुंची पुलिस युवक को रात में ही अपने साथ ले गई। घटना के बाद परिजनों ने इसकी सूचना स्थानीय पुलिस को दी, लेकिन मामला विभागीय जांच से जुड़ा होने के कारण पुलिस अधिकारी कुछ भी कहने से बचते नजर आए। इस मामले में मुगलसराय कोतवाली में शुभम जायसवाल के पिता सहित कुल छह लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज है।
कोडीनयुक्त कफ सीरप की अवैध खरीद और आपूर्ति को लेकर औषधि निरीक्षक द्वारा जिले के विभिन्न स्थानों पर छापेमारी की गई थी। इस प्रकरण में मुगलसराय कोतवाली में दो मुकदमे दर्ज किए गए। 19 नवंबर को दर्ज मुकदमे में आरोप है कि नागेंद्र कुमार सिंह ने 25 अगस्त से 14 अक्टूबर 2025 के बीच दिल्ली की वान्या इंटरप्राइजेज के प्रोपराइटर तथा सहारनपुर देहात के अशोक नगर कॉलोनी निवासी विशाल उपाध्याय से पांच फर्जी बिलों के माध्यम से ईस्कूल कफ सिरप के दो लाख 32 हजार 400 वायल (100 एमएल) की खरीद की। यह पूरा कारोबार प्रशासन की नजरों के सामने चलता रहा और औषधि निरीक्षक को इसकी जानकारी तक नहीं हुई।
लखनऊ से सूचना मिलने के बाद औषधि निरीक्षक बृजेश कुमार मौर्य टीम के साथ कृष्ण नगर कॉलोनी स्थित सिंह मेडिकोज पहुंचे, लेकिन दुकान बंद मिली और संचालक का मोबाइल भी स्विच ऑफ था। इसके बाद मुगलसराय थाने में फर्म के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई गई।
वहीं दूसरी प्राथमिकी में 15 से 18 नवंबर के बीच मुगलसराय कोतवाली क्षेत्र के जलीलपुर स्थित समृद्धि इंटरप्राइजेज, अलीनगर थाना क्षेत्र के जीवधीपुर स्थित च्वाइस डिस्ट्रीब्यूटर्स और मुगलसराय कोतवाली क्षेत्र के चतुर्भुजपुर स्थित एसपी फार्मा के खिलाफ मामला दर्ज किया गया। इन फर्मों पर झारखंड के रांची स्थित मेसर्स शैली ट्रेडर्स के प्रोपराइटर भोला प्रसाद से भारी मात्रा में कोडीनयुक्त सिरप मंगाने का आरोप है। जांच के दौरान न तो स्टॉक मिला और न ही कोई बिल, वाउचर या रजिस्टर। औषधि निरीक्षक की तहरीर पर भोला प्रसाद, अंजलि कसेरा, आलोक प्रजापति और सबा परवीन के खिलाफ कोडीनयुक्त सिरप की अवैध आपूर्ति और बिक्री का मुकदमा दर्ज कर जांच जारी है।

