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चंदौली। अलीनगर थाना क्षेत्र के सिकटिया और तारनपुर गांव शनिवार को जातीय संघर्ष में जल उठे। इस संघर्ष के पीछे की कहानी चाहे जो भी हो लेकिन कटघरे में अलीनगर पुलिस है। विवाद की नींव तीन दिन पहले ही पड़ गई थी जब तारनपुर दुसधान बस्ती के बबलू पासवान की गुमटी जला दी गई। मामला थाने तक भी पहुंचा लेकिन यहीं पुलिस ने अपना असली चेहरा दिखा दिया। यानी जैसे-तैसे मामले की लीपापोती। विवाद की जिस चिंगारी को बुझाने की बजाय दबाया गया उसने आग का रूप ले लिया और एक युवक की जान चली गई। अब दोनों ही पक्ष अलीनगर पुलिस पर घटना का ठीकरा फोड़ रहे हैं।
एसपी के सामने अलीनगर थानाध्यक्ष पर लगाए आरोप
घटना के बाद एसपी अंकुर अग्रवाल मौके पर पहुंच गए। तारनपुर दुसधान के लोगों ने एसपी के सामने ही अलीनगर थाना प्रभारी संतोष सिंह पर गंभीर आरोप लगाए और पुलिस की लापरवाही को घटना का कारण बताया। ग्रामीणों का कहना है कि यदि पुलिस ने पहले ही दिन मामले को गंभीरता से लिया होता और कड़ी कार्रवाई की होती तो मनबढ़ कानून व्यवस्था को हाथ में लेने की जुर्रत न करते। लेकिन घटन्ना के बाद लकीर पीटने में लगी पुलिस ने उस दौरान संजीदगी नहीं दिखाई। हालांकि एसपी ने इस मामले में दोषियों के खिलाफ कार्रवाई के संकेत दिए हैं।