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आखिर कब एक्शन मोड में आएंगे चंदौली पुलिस कप्तान, मुगलसराय और अलीनगर थाना प्रभारियों को कब तक मिलेगा अभयदान

 

चंदौली। छिटपुट वारदातों की बात तो छोड़ ही दीजिए जघन्य आपराधिक घटनाओं से मुगलसराय और अलीनगर थानों के रजिस्टर भरते जा रहे हैं। हत्या, लूट, दुष्कर्म जैसी हृदयविदारक घटनाओं ने पुलिस की कार्यप्रणाली को कटघरे में ला खड़ा किया है। बावजूद दोनों ही ढीले थाना प्रभारियों की कुर्सी अभी तक सुरक्षित है। अमूमन जघन्य वारदातों के बाद लापरवाह पुलिस अपराधियों पर कार्रवाई का चाबुक चल जाता है लेकिन चंदौली पुलिस कप्तान के एक्शन मोड में आने का अब तक इंतजार है।

अलीनगर और मुगलसराय थाना प्रभारियों की चर्चा इसलिए क्योंकि हाल के दिनों में हुई वारदातों ने जिले की साख खराब की है। छठ पर्व के दिन ही छह साल की मासूम की दुष्कर्म के बाद हत्या कर दी गई। घटना ने पुलिस की खूब किरकिरी कराई थी। महकमा इससे उबरा भी नहीं था कि मुगलसराय में बदमाशों ने दवा कारोबारी को गोली मारकर मौत के घाट उतार दिया। बदमाश पैदल भाग गए और पुलिस पकड़ नहीं पाई।

मुगलसराय पुलिस कि कार्यप्रणाली पर उठ रहे सवाल
मुगलसराय पुलिस हत्या के कई मामलों का अब तक खुलासा नहीं कर सकी है। दुलहीपुर क्षेत्र में वृद्ध महिला की हत्या हो या महीनों पहले मोटर मैकेनिक का मर्डर कांड। दोनों घटनाएं अबूझ पहेली बनी हुई हैं। वहीं दवा कारोबारी रोहिताश पाल की हत्या ने व्यापारी वर्ग को दहला दिया है। घटना के बाद व्यापारी पुलिस को कोसते रहे। आरोप लगाया कि पुलिस कभी मोहल्ले में गश्त नहीं करती है। जहां बदमाशों ने दवा कारोबारी को गोली मारी वहां से कस्बा चौकी कुछ ही दूरी पर स्थित है जबकि स्टेशन का इलाका होने के चलते यहां पुलिस की पिकेट ड्यूटी भी लगाई जाती है। बावजूद इसके अपराध का होना पुलिस की कार्य प्रणाली पर सवाल खड़े कर रहा है। कानून व्यवस्था को प्रभावी बनाने की बजाए यहां के प्रभारी जुगाड़ फिट करने में ही लगे रहते हैं। जग जाहिर है कि यहां प्रभारी की कुर्सी भी तगड़ी पैरवी के बाद ही मिलती है। यही वजह है कि पुलिस के आलाधिकारी भी सीधी कार्रवाई करने से कतराते हैं। अब देखना यह है कि चंदौली एसपी इस मामले में कब कड़ा एक्शन लेते हैं।

बड़ी घटनाओं का नहीं हो सका खुलासा

1. 10 अगस्त 2024 — मुगलसराय
बाइक मिस्त्री की दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या।
अब तक पुलिस के हाथ खाली, कोई सुराग नहीं।

2. 25 मई 2024 — अलीनगर, तारापुर फाटक
चाय विक्रेता की हत्या। लंबे समय बाद भी जांच में कोई प्रगति नहीं।

3. 17 सितंबर 2025 — मुगलसराय, दुल्हीपुर में
बुजुर्ग महिला की ईंट से सिर कूंच कर हत्या।
हत्यारा अभी तक फरार, कोई ठोस सुराग नहीं।

4. 22 सितंबर 2025 — अलीनगर, बौरी पुलिया
आशु विश्वकर्मा का शव संदिग्ध परिस्थितियों में मिला।
मौत का रहस्य और गहरा हो गया, जांच आगे नहीं बढ़ सकी।

5. रेवसा नहर, अलीनगर — नवंबर 2025
दीपक पांडेय की गला घोंटकर हत्या। अभी तक अपराधी को नहीं पकड़ सकी पुलिस

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