
चंदौली। ओम प्रकाश जायसवाल उम्र 65 वर्ष, पेशा जायसवाल स्कूल के प्रबंधक…। मनोज जायसवाल उम्र 60 साल, पेशा व्यवसाय…। दोनों ही वरिष्ठ नागरिक दवा कारोबारी रोहिताश पाल की हत्या की साजिश रचने के आरोप में जेल में हैं। पुलिस ने हत्याकांड में इनका नाम उजागर किया तो एक बारगी लोग चौंक गए। लेकिन पुलिस के पास आरोपियों को जेल भेजने के लिए पर्याप्त सबूत मौजूद हैं। कैसे ओमप्रकाश और मनोज शराब माफिया भानू जायसवाल के संपर्क में आए और वारदात से इनका नाम जुड़ा इसके पीछे की पुलिसिया कहानी को जानते हैं। वहीं दूसरी तरफ रोहिताश पाल का परिवार पुलिसिया कार्रवाई से संतुष्ट है। लेकिन साजिश में शामिल अन्य आरोपियों और घटना को अंजाम देने वाले शूटरों की गिरफ्तारी नहीं होने से चिंतित भी है।
हत्याकांड की पुलिसिया कहानी
दवा कारोबारी रोहिताश पाल हत्याकांड की पुलिसिया कहानी शुरू करने से पहले इस घटना के सूत्रधार भानू जायसवाल के बारे में जान लेते हैं। वाराणसी के रहने वाले भानू जायसवाल के खिलाफ सैयदराजा और वाराणसी के विभिन्न स्थानों में आधा दर्जन से ज्यादा मामले दर्ज हैं। एक पूर्व सांसद और बड़े शराब कारोबारी का सम्बन्धी बताया जाता है। शराब और जमीन से जुड़े काम करने वाले भानू का नाम शराब तस्करी के मामलों में भी उछलता रहा है। बहरहाल भानू ने मृतक रोहितास पाल उर्फ रोमी की मुगलसराय में कन्हैया टॉकीज की पैतृक सम्पत्ति, (जो अंश मृतक के दादा स्व. राजाराम की थी) को स्व. राजाराम की दूसरी पत्नी स्व. शान्ति देवी की पुत्रियों प्रीती, गीता पाल, उमा पाल, निशा पाल, वीणा पाल ने फर्जी तरीके से वरासतन अपना नाम दर्ज कराकर कम कीमत पर भानू जायसवाल को बेच दी। भानू जायसवाल जमीन पर कब्जा करना चाह रहा था, जिसका विरोध रोहितास पाल उर्फ रोमी कर रहे थे। रोहितास की ओर से भानू जायसवाल के बैनामे को निरस्त करने को न्यायालय में मुकदमा किया गया था जिसका मुकदमा नम्बर 553/23 है।
भानू ने दिया जमीन और पैसे का लालच
काफी प्रयास के बाद भी जब भानू जायसवाल कन्हैया टॉकीज की जमीन पर कब्जा नहीं कर सका तो उसने ओमप्रकाश जायसवाल व मनोज जायसवाल को अपनी योजना का हिस्सा बनाया। किसी तरह जमीन खाली कराने के एवज में 10 करोड़ रुपए का लालच दिया। पुलिस के अनुसार पांच लाख रुपए एडवांस भी दिए। सबने रोहिताश पाल को डराकर धमकाकर कब्जे का प्रयास किया लेकिन सफल नहीं हो सके। ओमप्रकाश और मनोज ने कहा कि वे पैसे नहीं लेंगे बल्कि कब्जा के बाद उनका जमीन में ही कुछ शेयर होगा बदले में मदद जारी रखेंगे। इधर न्यायालय का फैसला भी रोहिताश के पक्ष में आ रहा था। भानू के हाथ से जमीन भी निकल रही थी और पैसा भी डूब रहा था। जिसके बाद रोहितास पाल को रास्ते से हटाने की योजना बनायी गई।
रोहिताश पाल उर्फ रोमी को हो गया था जान के खतरे का अंदेशा
परिवार वालों के अनुसार जमीन को लेकर जिस तरह से दबाव बनाया जा रहा था उससे रोहिताश पाल को जान के खतरे का अंदेशा हो गया था। उन्होंने पत्नी को यह बात बताई भी थी। लेकिन इतनी जल्दी और इस तरह के वारदात की उम्मीद नहीं थी।

