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सड़क पर मरीजों का इलाज कर भगवान बना डाक्टर निकला फर्जी, चंदौली के इस अस्पताल में कर रहा था इलाज

चंदौली। सड़क पर बेसहारा लोगों का इलाज कर चर्चित हुआ एक फर्जी चिकित्सक पकड़ा गया। रविवार को चंदौली पुलिस ने मुख्यालय पर संजय नगर में संचालित आदित्य मैटरनिटी एंड नर्सिंग होम से उसे गिरफ्तार किया। आरोपित एमबीबीएस, एमडी का एमसीआई की ओर से जारी प्रमाण पत्र लगाकर मरीजों का इलाज कर रहा था। जांच में पता चला कि उसके सभी प्रमाण पत्र फर्जी हैं। अस्पताल संचालक डा. पंकज पांडेय ने जानकारी होन पर उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया, जिसके बाद पुलिस ने फर्जी चिकित्सक को पकड़ लिया। आरोपित ने बताया कि वह गोरखपुर के खोराबाद में शिवाय हास्पिटल और बिहार के रामगढ़ सहित कई अन्य अस्पतालों में फर्जी डिग्री लगाकर काम कर चुका है।
एएसपी दयाराम ने बताया कि आदित्य मैटरनिटी एंड नर्सिंग होम संजय नगर के संचालक डा. पंकज पांडेय ने चंदौली थाने में मुकदमा दर्ज कराया कि उनके यहां शैलेश चंद्र वर्मा नाम के एक डाक्टर आए। उन्होंने खुद को एमबीबीएस, एमडी बताया और एमसीआई की ओर से जारी प्रमाण पत्र भी दिखाया। इसके बाद उसको 60 हजार रुपये प्रतिमाह की नौकरी पर अस्पताल में रख लिया गया। एडवांस के तौर पर दो लाख 40 हजार रुपये भी दे दिए लेकिन बाद में पता चला कि शैलेश चंद्र ही डिग्री ही फर्जी है। जांच आदि में इसकी पुष्टि होने के बाद पुलिस ने आरोपित को गिरफ्तार कर लिया। फर्जी चिकित्सक मूल रूप से गोरखपुर जिले का रहने वाला है और वर्तमान में देवरिया में अस्थाई रूप से रह रहा था।

संदेह के घेरे में अस्पताल प्रबंधन
फर्जी चिकित्सक को गिरफ्तार करने के मामले में पुलिस खुद की पीठ थपथपा रही है। जबकि एससपी के बयान के अनुसार आदित्य मैटरनिटी एंड नर्सिंग होम प्रबंधक डा. पंकज पांडेय ने जानकारी होने के बाद ,खुद मुकदमा दर्ज कराया और पुलिस को इसकी जानकारी दी। ऐसे में पुलिस की सीमित भूिमका रही। लेकिन पूरे प्रकरण में अस्पताल प्रबंधन भी संदेह के घेरे में हैं। फर्जी डाक्टर बीते दो माह से अस्पताल में मरीजों विशेषकर बच्चों का इलाज कर रहा था। मरीजों के जीवन के साथ खिलवाड़ कर रहे चिकित्सक की असलियत अस्पताल प्रबंधन नहीं पकड़ सका या जानबूझकर अंजान बना रहा यह भी जांच का विषय है। सूत्रों का कहना है कि लेन-देन में आपसी सामंजस्य नहीं बैठा तब जाकर प्रबंधन हरकत में आया। हालांकि आरोपित डाक्टर खुद इतना होशियार था कि अपने हाव-भाव से वह संदेह पैदा नहीं होने दे रहा था। गोरखुर और देवरिया में राह चलते लोगों का इलाज कर मीडिया में भी खूब सुर्खियां बटोर चुका था। कुछ अखबार तो उसे भगवान बनाकर प्रस्तुत कर चुके थे।

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