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वाराणसी के मशहूर डाक्टर ने खुद को गोली से उड़ाया, हड़कंप

वाराणसी। शहर के मशहूर चिकित्सक डॉ. पराग वाजपेई (53) ने रविवार की रात अपनी लाइसेंसी पिस्टल से कनपटी पर गोली मार कर जान दे दी। सोमवार सुबह घटना की जानकारी होते ही शहर में सनसनी फैल गई। भेलूपुर थाने की पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया। पुलिस के अनुसार शराब पीने को लेकर पत्नी के नाराजगी जताने पर नशे की हालत में डॉक्टर ने आत्मघाती कदम उठाया है। वाराणसी के इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने घटना पर दुख जताया है।
भेलूपुर थाना अंतर्गत कैवल्यधाम कॉलोनी में जनरल फिजिशियन डॉ. पराग वाजपेई का मकान है और वह वैभव हॉस्पिटल के निदेशक थे। उनकी पत्नी डॉ. वाणी वाजपेई स्त्री रोग विशेषज्ञ हैं। डॉक्टर दंपती के दो बेटे हैं। डॉ. पराग के शराब पीने को लेकर उनका उनकी पत्नी से अक्सर विवाद होता था। भेलूपुर थाने की पुलिस के अनुसार रविवार की रात डॉ. पराग ने एक बार फिर ज्यादा शराब पी ली थी। इस पर उनकी पत्नी ने उन्हें कमरे में जाकर सोने को कहा। इसे लेकर उनका उनकी पत्नी से विवाद हुआ। इसके बाद उनके मन में न जाने क्या आया कि उन्होंने बाथरूम में जाकर 32 बोर की अपनी लाइसेंसी पिस्टल से अपनी कनपटी पर गोली मार ली। गोली चलने की आवाज सुनकर उनकी पत्नी और बच्चे भाग कर बाथरूम में गए तो वह खून से लथपथ पड़े थे। आनन-फानन उन्हें अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। एसीपी भेलूपुर प्रवीण कुमार सिंह ने सोमवार को बताया कि नशे की हालत में डॉ. पराग ने खुद को गोली मारी है। उनकी लाइसेंसी पिस्टल भेलूपुर थाने की पुलिस ने कब्जे में ले ली है। आज उनके शव का पोस्टमार्टम कराया जाएगा। पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सुपुर्द कर दिया जाएगा। डॉ. पराग वाजपेई शहर के एक सफल चिकित्सक थे। वह चिकित्सकीय पेशे में लगभग 26 साल से थे। उनकी पत्नी डॉ. वाणी वाजपेई भी वाराणसी की अच्छी स्त्री रोग विशेषज्ञ के तौर पर जानी जाती हैं। वाजपेई दंपति का बड़ा बेटा बीटेक करता है तो छोटा बेटा इंटरमीडिएट में है। पति-पत्नी की आपसी समझ और बांडिंग उनके साथी डॉक्टरों के बीच चर्चा का विषय रहती थी। दोनों ही किसी क्लब या पार्टी में लोगों से बेहद ही गर्मजोशी से मिलते थे। सोमवार को शहर के डॉक्टरों की जुबान पर यही सवाल रहा कि आखिरकार ऐसा क्या हो गया जो डॉ. पराग ने ऐसा आत्मघाती कदम उठाने का निर्णय ले लिया। वह तो सुलझे हुए इंसान थे। वहीं डॉ. वाणी को उनके दोनों बच्चे संभाले हुए थे लेकिन उनकी आंखों से भी आंसुओं की धार रुकने का नाम नहीं ले रही थी।

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