
चंदौली। धानापुर कस्बा में विगत दिनों हुई मुटुन यादव की हत्या मामले में पुलिस आरोपियों को पकड़ने के करीब पहुंच चुकी है। अब तक की पड़ताल में यह बात तकरीबन साफ हो चुकी है कि मुख्य अभियुक्त गोपाल सिंह ने ही अपने भाई राजन सिंह की मौत का बदला लेने के लिए पेशेवर अपराधियों की मदद से हत्याकांड को अंजाम दिया था। जिन लोगों ने अपराधियों की मदद की थी उनकी पहचान भी उजागर हो चुकी है।
पेशेवर अपराधियों ने दिया था घटना को अंजाम
धानापुर क्षेत्र के रायपुर निवासी बस मालिक मुटुन यादव को बदमाशों ने दिन दहाड़े गोलियों से भून दिया था। हालांकि मुटुन भी थाने का गैंगेस्टर था और उसपर हत्या सहित आधा दर्जन मामले दर्ज हैं। मुटुन ने वर्ष 2019 में गांव के ही राजन सिंह की हत्या कर दी थी और सजा भी काट चुका था। अपने भाई की मौत का बदला लेने के लिए गोपाल सिंह ने पेशेवर अपराधियों से हाथ मिलाया और धानापुर कस्बा के बस स्टैंड के पास मुटुन की हत्या कर दी। इस घटना में अपराधियों ने जिन दो बाइकों का इस्तेमाल किया था उसमें से एक गाजीपुर के गैंगेस्टर के भाई के नाम से पंजीकृत है। पुलिस सूत्रों के अनुसार गैर जनपद के पेशेवर बदमाशों ने घटना को अंजाम दिया है। गोपाल सिंह और उसके कुछ लोगों ने बदमाशों की मदद की। मुटुन यादव की बाकायदा रेकी की गई और पूरी तसल्ली के बाद हत्याकांड को अंजाम दिया गया। हालांकि पुलिस आरोपियों को पकड़ने के करीब पहुंच चुकी है। जबकि शूटरों की गिरफ्तारी के लिए टीम गठित कर दी गई है, जो लगातार सक्रिय है।
घटना ने लिया राजनीतिक रूप
मुटुन हत्याकांड ने राजनीतिक रूप ले लिया है। समाजवादी पार्टी खासकर पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने इस मामले में सरकार को घेरा और जाति विशेष के लोगों को निशाना बनाए जाने का आरोप लगाया। सपा का प्रतिनिधिमंडल नेता प्रतिपक्ष विधान परिषद के नेतृत्व में मृतक के परिजनों से मिल चुका है। सपा लगातार पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठा रही है।