
चंदौली। विशेष न्यायाधीश पाक्सो अनुराग शर्मा की अदालत ने बुधवार को आरोपी की जमानत निरस्तीकरण के आदेश को पुन: खारिज कर दिया। वहीं 20 सितंबर तक कोर्ट में सरेंडर करने का निर्देश दिया है। विशेष शासकीय अधिवक्ता शमशेर बहादुर सिंह ने कोर्ट में बहस के दौरान दलीलें पेश की।
उन्होंने कहा कि अभियुक्त के पक्ष में न्यायालय द्वारा पारित जमानत आदेश 19 मार्च 2025 के अनुपालन में स्वीकृत जमानत एवं बंधपत्र को निरस्त किया जाना आवश्यक है। इसपर कोर्ट ने जमानत निरस्तीकरण के आदेश को खारिज कर दिया। विशेष शासकीय अधिवक्ता ने बताया कि शहाबगंज थाना क्षेत्र के भोड़सर निवासी वादी ने 29 जनवरी 2025 को इस आशय की रिपोर्ट लिखाई की उसकी नाबालिक पुत्री साइकिल बनवाने के लिए अभियुक्त फुजैल के दुकान पर गई थी। इस बीच पुत्री को खींचकर कमरे में ले गया और उसके साथ जबरदस्ती किया।
इस मामले में पुलिस ने पाक्सो सहित विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज कर आरोप पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया। इस मामले में 19 मार्च को न्यायालय ने आरोपी की जमानत मंजूर कर लिया। आरोपी 26 मार्च को अपने घर पहुंचा। वहीं 28 मार्च को वादी के घर पर चढ़कर मुकदमा सुलह कराने की धमकी दिया। साथ ही वहीं दरवाजे पर छूटने की खुशी में आतिशबाजी किया। इससे वादी का परिवार भयभीत हो गया।
वादी ने थाने पर पहुंचकर आरोपी के खिलाफ धारा 352 (2) भारतीय न्याय संहिता में मुकदमा दर्ज कराया है। शहाबगंज थानाध्यक्ष ने आरोपी के खिलाफ जमानत निरस्तीकरण करने का प्रार्थना पत्र दिया है।