चंदौली। देश में सभी को अपने धर्म को मानने की आजादी है, लेकिन सरकारी दफ्तरों और कार्यस्थल पर इससे परे रहकर सिर्फ अपना काम करना होता है। हालांकि कुछ सरकारी कर्मचारी ऐसे हैं जो ड्यूटी के दौरान काम बंदकर धार्मिक क्रियाकलापों को अंजाम देने लगते हैं। ऐसा ही मामला शहाबगंज ब्लाक के तकिया महरौर गांव का है, जहां विद्यालय में सहायक अध्यापक के पद पर तैनात शफीकुर्रहमान हर शुक्रवार को दोपहर 12:40 बजे स्कूल से निकलकर जुमे की नमाज अदा करने के लिए मस्जिद जाते हैं। नमाज अदा करने के बाद लगभग दो घंटे बाद स्कूल वापस आते हैं। हद तो तब हो गई जब स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों ने बताया कि गुरुजी हम लोंगो को भी जुमे की नमाज अदा करने के लिए कहते हैं तो हम लोग मना कर देते हैं। मामला उच्चाधिकारियों तक पहुंच चुका है।
स्कूल के प्रधानाध्यापक हरिओम सिंह ने बताया कि सहायक अध्यापक शफीकुर्रहमान की विद्यालय में 2015 में नियुक्ति हुई है। जब से इनकी नियुक्ति विद्यालय में हुई तब से ये हर शुक्रवार को विद्यालय छोड़कर मस्जिद में जाकर नमाज पढ़ते हैं। पूर्व में वह जब नमाज पढ़ने जाते थे, तो फिर स्कूल में भी नहीं आते थे। वहीं हरिओम सिंह बताया कि जब भी मैं इनको टोकता था तो कहते थे कि नमाज पढ़ने के लिए आदेश है। जिलाधिकारी निखिल टी फुंडे ने कहा कि मामला संज्ञान में है। इस मामले की जांच कराई जाएगी। सरकारी नियमावली का उल्लंघन होना पाया जाएगा, तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी।