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चंदौलीराज्य/जिलाविधान सभा चुनाव

रोचक होने वाली है सकलडीहा में विधायकी की जंग, जानिए सकलडीहा विधान सभा का इतिहास, जातिगत समीकरण

चंदौली। अघोराचार्य बाबा कीनाराम की जन्मस्थली व तपोस्थली के साथ ही हेतम खां का किला व भुलभुलैया की वजह से पर्यटन की दृष्टि से समृद्ध सकलडीहा विधानसभा सीट पर भाजपा के सूर्यमुनी तिवारी, सपा के प्रभुनारायण सिंह यादव और बसपा के जयश्याम त्रिपाठी के बीच रोचक मुकाबला होगा। क्षेत्रीय होने की वजह से कांग्रेस प्रत्याशी देवेंद्र सिंह मुन्ना को भी हल्के में नहीं लिया जा सकता है। हालांकि 2017 के विधानसभा चुनाव में मुख्य लड़ाई सपा और भाजपा के बीच ही थी। इस सीट पर पर सभी दलों द्वारा प्रत्याशियों की घोषणा के बाद चुनावी सरगर्मी बढ़ गई है। 10 मार्च की तारीख गवाह बनेगी कि मतदाताओं ने किस पर अधिक भरोसा जताया। वैसे, प्रत्याशी व उनके समर्थक मतदाताओं को अपने पाले में करने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा रहे हैं।

सकलडीहा में कभी नहीं खिला कमल
सकलडीहा विधानसभा पहले धानापुर के नाम से जानी जाती थी। नए परिसीमन के बाद 1995 में सकलडीहा विधानसभा अस्तित्व में आई। इस सीट पर एक बार भी कमल नहीं खिला। 1995 में सपा के प्रभुनारायण सिंह यादव ने समता पार्टी के शिवकुमार सिंह को हराया था। 2001 के विधानसभा चुनाव में बसपा प्रत्याशी सुशील सिंह को महज 38 वोटों से हराकर दोबारा विधायक बने। 2007 के विस चुनाव में बसपा के सुशील सिंह ने लगभग 4800 मतों से प्रभुनारायण को शिकस्त देकर विधायक की कुर्सी उनसे छीन ली थी। 2012 के विधानसभा चुनाव में भी सुशील व प्रभुनारायण आमने-सामने रहे। सुशील ने निर्दल प्रत्याशी के तौर पर एक बार फिर प्रभुनारायण को हराया। सुशील सिंह को 66,509 और प्रभुनारायण को 59661 वोट मिले थे, जबकि बसपा के रामबिहारी चौबे को 42,818 मतों से संतोष करना पड़ा था। 2017 के विधानसभा चुनाव में सपा ने तीसरी बार यहां जीत हासिल की। प्रभुनारायण ने 79,875 मत हासिल किए तो भाजपा के सूर्यमुनी तिवारी को 64,906 मत पाकर हार का मुंह देखना पड़ा था।

एक नजर जातिगत आंकड़ों पर
सकलडीहा विधानसभा में यादव मतदाताओं की बाहुल्यता है। इसके अलावा अनुसूचित जाति, ब्राम्हण व राजपूत, राजभर, मौर्या, चौहान मतदाता भी चुनाव में निर्णायक साबित होते हैं। विधानसभा क्षेत्र में कुल तीन लाख 30 हजार 798 मतदाता हैं। इसमें पुरुष मतदाताओं की संख्या 1 लाख 78 हजार 274 व महिला मतदाताओं की संख्या 1 लाख 52 हजार 591 है।

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