
चंदौली। पीडीडीयू नगर में सड़क चौड़ीकरण के चलते काली माता मंदिर को स्थानांतरित करने का विरोध शुरू हो गया है। अधिवक्ता संतोष कुमार पाठक और स्थानीय नागरिकों ने सोमवार को जिलाधिकारी चंद्र मोहन गर्ग से मुलाकात कर मुगलसराय स्थित प्राचीन काली माता मंदिर को ऐतिहासिक धरोहर घोषित करने की मांग की। उन्होंने स्पष्ट कहा कि मंदिर से किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ न हो और इसे स्थानांतरित करने की योजना तत्काल निरस्त की जाए। ताकि लोगों की आस्था और भावनाओं को ठेस न पहुंचे।
अधिवक्ता ने मांग की कि मंदिर के दोनों ओर तीन-तीन लेन (कुल छह लेन) की सड़क का निर्माण किया जाए। उनका कहना है कि इससे मंदिर सुरक्षित रहेगा और नगरवासियों को जाम की समस्या से भी निजात मिलेगी। संतोष पाठक ने बताया कि पीडीडीयू नगर का यह काली माता मंदिर करीब डेढ़ सौ साल पुराना है और अब यह नगर की पहचान बन चुका है। ऐसे में मंदिर को हटाने का प्रयास जनता की भावनाओं को आहत करेगा। उन्होंने पीडब्ल्यूडी विभाग पर सवाल उठाते हुए कहा कि अगर यह मंदिर पीडब्ल्यूडी की जमीन पर अतिक्रमण मानकर हटाया जा रहा है, तो फिर नगर में अन्य धर्मस्थलों, दुकानों और मकानों पर कार्रवाई क्यों नहीं की जाती।
अधिवक्ता ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भी पत्र भेजकर मंदिर को ऐतिहासिक धरोहर घोषित करने और इसे न तोड़े जाने की मांग की है। उन्होंने प्रस्ताव दिया कि मंदिर के उत्तर और दक्षिण दिशा में तीन-तीन लेन की सड़क बनाई जाए ताकि विकास कार्य और धार्मिक भावनाएं दोनों संतुलित रह सकें। संतोष पाठक ने यह भी कहा कि पीडब्ल्यूडी विभाग मंदिर को सुभाष पार्क स्थित शनि मंदिर के पास स्थानांतरित करने की योजना बना रहा है, जो कतई उचित नहीं है। उन्होंने सुझाव दिया कि गल्ला मंडी के पश्चिम पोखरी पर काली माता की अपनी जमीन है, जो वर्तमान में अतिक्रमण का शिकार है। उसे अतिक्रमणमुक्त कराकर मंदिर वहीं स्थापित किया जा सकता है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि नगरवासियों की भावनाओं की अनदेखी की गई और मंदिर को हटाने का प्रयास जारी रहा तो नागरिकों के सहयोग से बड़ा आंदोलन छेड़ा जाएगा, जिसकी पूरी जिम्मेदारी जिला प्रशासन की होगी।