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चंदौली में बाढ़ का कहर :  उफान पर गंगा, मचा हाहाकार, तटवर्ती इलाकों में हजारों की आबादी लाचार

चंदौली। गंगा इस बार अपने रौद्र रूप में है। सोमवार को गंगा का जलस्तर 72 मीटर से ऊपर पहुंच गया। जलस्तर तेजी से बढ़ने के कारण चहनियां क्षेत्र के तटवर्ती गांवों में दहशत फैल गई है। ग्रामीणों ने भय से खुद ही पलायन शुरू कर दिया है, जबकि प्रशासन भी सतर्क होकर गांवों को खाली कराने में जुट गया है।

बलुआ और मारूफपुर पुलिस चौकी की सक्रियता से सबसे अधिक खतरे में दिख रहे हसनपुर गांव के लोगों को उनके घरों से निकालकर मारूफपुर स्थित प्राथमिक विद्यालय में बनाए गए बाढ़ राहत केंद्र पर भेजा गया। चौकी प्रभारी अमित सिंह ने सोमवार सुबह 6 बजे से ही विजय चौधरी, बिनोद चौधरी, अमर चौधरी, लाल बहादुर, अभिमन्यु समेत दर्जनों परिवारों को सुरक्षित निकाला।

गंगा और बाणगंगा की दोहरी मार
बलुआ बाजार और टांडा कला बाजार में गंगा का पानी घुस चुका है। वहीं, बाणगंगा नदी में भी पानी का बहाव तेज हो गया है। इससे किनारे बसे गांवों के खेत जलमग्न हो रहे हैं, और फसलें डूबने के कगार पर हैं। टांडा में स्थित 200 साल पुराना घटवारी माता मंदिर का बरगद का पेड़ भी तेज पानी के दबाव में धराशायी हो गया है, जो इलाके की गंभीर स्थिति को दर्शाता है।

बाढ़ में डूबा श्मशान घाट

बलुआ बाजार के श्मशान घाट में पानी घुसने से अब शवों के अंतिम संस्कार के लिए लोगों को सराय घाट तक जाना पड़ रहा है। प्रशासन को आशंका है कि पानी की बढ़ती गति से जल्द ही यहां भी जगह नहीं बचेगी। चूंकि पूरे जनपद के लोग बलुआ घाट पर ही दाह संस्कार के लिए आते हैं, यह स्थिति और चुनौतीपूर्ण हो सकती है।

 

प्रशासनिक इंतजाम

मारूफपुर बाढ़ राहत चौकी पर पहुंचे नायब तहसीलदार राजेन्द्र प्रसाद और एडीओ पंचायत राजेश सिंह ने शरणार्थियों के लिए नाश्ता और भोजन की व्यवस्था कराई। प्रशासन द्वारा लगातार निगरानी रखी जा रही है और अन्य गांवों में भी लोगों को अलर्ट किया जा रहा है।

 

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