
वाराणसी। वाराणसी जिला पंचायत अध्यक्ष पद के चुनाव में अप्रत्याशित राजनीतिक घटनाक्रम के तहत बीजेपी उम्मीदवार पूनम मौर्य के निर्विरोध निर्वाचन का रास्ता साफ हो गया है। नामांकन के बाद स्क्रूटनी कमेटी ने सपा प्रत्याशी चंदा यादव का नामांकन फार्म अस्वीकृत कर दिया, जिसके बाद यह समीकरण बना। पर्चा खारिज होने के बाद सपाइयों ने खूब हंगामा किया। भाजपा नेताओं पर नामांकन प्रक्रिया में धांधली का आरोप लगाया। सपा जिलाध्यक्ष सुजीत यादव ने रायफल क्लब में स्क्रूटनी कक्ष के अंदर कैबिनेट मंत्री अनिल राजभर और विधायक अवधेश सिंह की मौजूदगी में धांधली हुई है।
दरअसल जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर सपा समर्थित चंदा यादव और भाजपा प्रत्याशी पूनम मौर्य ने नामांकन पत्र दाखिल किया। अपराह्न तीन बजे नामांकन पत्रों की जांच के दौरान दोनों पक्षों ने एक दूसरे के नोटरी अधिवक्ताओं की वैधता को चुनौती देते हुए लिखित आपत्ति दाखिल की। दोनों को ही जवाब देने के लिए दो-दो घंटे का समय दिया गया। शाम साढ़े छह बजे दोराबा स्क्रूटनी शुरू हुई, जिसमें भाजपा की पूमन मौर्य का एक नामांकन पत्र अवैध और एक स्वीकृत हुआ जबकि सपा की चंदा यादव के दोनों नामांकन पत्र अवैध घोषित कर दिए गए। कारण बताया गया कि उम्मीदवार द्वारा शपथ पत्र पर वर्णित प्रतिज्ञा सक्षम व वैध अधिकारी के समक्ष लेना प्रमाणित नहीं हो सका। इस तरह जिला पंचायत अध्यक्ष पद एक एकमात्र उम्मीदवार होने के चलते भाजपा की पूनम मौर्य का निर्विरोध निर्वाचन तय है।