
चंदौली। हर घर नल जल योजना से भले ही ग्रामीणों को शुद्ध पेयजल मुहैया हो जाए, लेकिन योजना ने गांवों की सूरत को बिगाड़ दिया है। गांव की गलियां जहां गड्ढों में तब्दील हो गईं हैं, वहीं खड़जां व ईटों के उखड़ने से सरकारी संपत्ति काे भी नुकसान हो रहा है। विडंबना कि न तो खराब संपर्क मार्गों को ठीक करने को लेकर कोई जवाबदेही तय की जा रही और ना ही विभागीय अधिकारी ही इसमें कोई रुचि ले रहे हैं। इतना ही नहीं यदि जल निगम के अधिशासी अभियंता से ग्रामीण शिकायत भी करना चाहें तो उनका फोन लगाकर थक जाएंगे।
दरअसल सरकार ने ग्रामीणों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लिए जनपद में वर्ष 2021 मार्च में हर घर नल योजना की शुरूआत की। इसके तहत जनपद के सभी 734 ग्राम पंचायतों के प्रत्येक घर में नल से जल पहुंचाना है। शासन की ओर से मार्च 2024 तक योजना को पूर्ण करने का निर्देश दिया गया था। ग्रामीणों की मानें तो अभी 10 से 15 प्रतिशत घरों में ही पानी पहुंच पाया है। बहरहाल शुद्ध पेयजल पीने से पूर्व ग्रामीण गलियों व संपर्क मार्गों के उखड़े खंड़जे को लेकर परेशान हैं। हल्की बारिश हुई नहीं कि कीचड़ से सने मार्ग पर आवागमन में फजीहत झेलनी पड़ती है। वहीं पाइप बिछाने के लिए उखाड़े गए खड़जें व ईंट को इस कदर तितर बितर कर दिया गया है कि यदि मरम्मत का कार्य भी कराना पड़े तो न तो खड़जां मिलेगा और ना ही ईंट। ग्रामीणों ने कहा कि जल निगम की लापरवाही सिर चढ़कर बोल रही है। शिकायत के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की जा रही।
संपर्क मार्गों के मरम्मत का कार्य करने की जिम्मेदारी जल निगम की है। मरम्मत करने के निर्देश दिए गए हैं। आर जगत साईं, मुख्य विकास अधिकारी

