
Chandauli News: पुलिस ने एक ऐसे गिरोह का भंडाफोड़ किया है, जो जिला, ब्लॉक और पंचायत स्तर पर नौकरी दिलाने का झांसा देकर बेरोजगार युवाओं से लाखों की ठगी कर रहा था। इस मामले में पुलिस ने 4 अभियुक्तों को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से भारी मात्रा में फर्जी दस्तावेज, विभागीय वर्दी, नकद रुपये और इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस बरामद किए हैं।
पुलिस अधीक्षक आदित्य लांग्हे के निर्देशन और एएसपी अनंत चंद्रशेखर की देखरेख में चलाए जा रहे विशेष अभियान के तहत कोतवाली प्रभारी निरीक्षक संजय कुमार सिंह व उनकी टीम ने मझवार रेलवे स्टेशन के पास से चार अभियुक्तों – अशोक सम्राट, संजीव कुमार, आशीष कुमार और आनन्द चौहान – को गिरफ्तार किया। इनके कब्जे से फर्जी आईडी कार्ड, नियुक्ति पत्र, मुहर, लैपटॉप, टैबलेट, मोबाइल फोन, नकद ₹73,000 और विभागीय यूनिफॉर्म समेत अन्य सामग्री बरामद हुई।
ठगी का तरीका: गिरोह के सदस्यों ने यूट्यूब के जरिए फर्जी नियुक्ति प्रक्रिया की जानकारी जुटाकर खुद का गिरोह बनाया। ये लोग बेरोजगार युवाओं को सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर ₹1 लाख से ₹2.5 लाख तक की ठगी करते थे। फर्जी ट्रेनिंग सर्टिफिकेट, आईडी कार्ड, ज्वॉइनिंग लेटर, यूनिफॉर्म आदि देकर भरोसा दिलाया जाता था कि वे “पुलिस मित्र” या किसी विभाग में कार्यरत होंगे। पैसा अधिकतर ऑनलाइन ट्रांजैक्शन से वसूला जाता था।
पीड़ितों की शिकायत: पीड़ित चंद्रभान मौर्य व अन्य लोगों ने बताया कि उन्हें चंदौली के अरविंद वाटिका में बुलाकर नौकरी का झांसा दिया गया। ट्रेनिंग के नाम पर कानपुर भेजा गया, जहां एक लॉन में फर्जी ट्रेनिंग कराई गई। इसके बाद नियुक्ति के लिए बार-बार पैसे की मांग की गई। कुल मिलाकर पीड़ितों से ₹5.45 लाख की ठगी की गई।
गिरोह के सदस्य
- अशोक सम्राट – मुजफ्फरपुर, बिहार (वर्तमान निवासी दिल्ली)
- संजीव कुमार – गोमतीनगर, लखनऊ
- आशीष कुमार – कासगंज
- आनन्द चौहान – कासगंज