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चंदौलीः अखिलेश यादव की गिरफ्तारी के विरोध में सपाइयों का उग्र प्रदर्शन, सड़क जाम, पुलिस से नोंकझोक

चंदौली। लखीमपुर खीरी में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री के बेटे के वाहन से कुचल कर किसानों की मौत के बाद किसानों से मिलने जा रहे सपा प्रमुख अखिलेश यादव की गिरफ्तारी के विरोध में चंदौली में सपाइयों ने उग्र विरोध प्रदर्शन किया। धरना-प्रदर्शन के साथ ही गिरफ्तारी भी दी। पूरे जिला विपक्षियों के आंदोलन की आंच में तपता रहा। सपाइयों को रोकने में पुलिस के भी पसीने छूट गए। मुगलसराय में पूर्व सांसद रामकिशुन ने सैकड़ों कार्यकर्ताओं के साथ जीटी रोड जाम कर दिया। सपाई सड़क पर लेट गए। वहीं मुख्यालय पर शीर्ष नेताओं ने धरना-प्रदर्शन कर विरोध के स्वर को सरकार तक पहुंचाने की कोशिश की।

पूर्व सांसद रामकिशुन यादव के नेतृत्व में सपाइयों ने पीडीडीयू नगर में सपा कार्यालय के सामने जीटी रोड पर चक्काजाम कर दिया। इससे मार्ग पर वाहनों की कतार लग गई। सूचना के बाद मौके पर पहुंचे एसडीएम विजयनारायण सिंह व सीओ सदर अनिल राय ने पूर्व सांसद व सपाइयों को समझाने का काफी प्रयास किया, लेकिन कार्यकर्ता नहीं मानें। पुलिस ने हल्का बल प्रयोग कर गिरफ्तारी का प्रयास किया। इसमें कार्यकर्ताओं व पुलिस के बीच तीखी नोंकझोक हुई। लगभग तीन घंटे बाद कार्यकर्ता चक्काजाम समाप्त कर पैदल कोतवाली पहुंचे और गिरफ्तारी दी। पूर्व सांसद ने कहा लखीमपुर खीरी की घटना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री के बेटे ने कार दौड़ाकर किसानों को कुचल दिया। इसमें दर्जनों घायल हुए। चार की घटनास्थल पर ही मौत हो गई। किसानों ने पहले ही आंदोलन की चेतावनी दी थी तो सरकार ने इंतजाम क्यों नहीं किया। सरकार जानबूझकर किसानों की हत्या कराना चाहती है।

मुख्यालय पर दिया धरना
बड़ी संख्या में मुख्यालय पहुंचकर सपाइयों ने विकास भवन के समीप धरना दे दिया। चेताया कि यदि पार्टी मुखिया अखिलेश यादव को रिहा नहीं किया गया और किसानों के समर्थन में सपा की मांगों को नहीं माना गया तो आंदोलन और उग्र होगा। पूर्व विधायक मनोज सिंह डब्लू ने कहा कि सरकार एकदम से तानाशाही पर उतर आई है। प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगना चाहिए। इस दौरान विधायक प्रभुनारायण यादव, पूर्व विधायक बब्बन चौहान, पूर्व विधायक जितेंद्र कुमार, नफीस गुड्डू, संतोष यादव आदि मौजूद रहे।

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