
चंदौली। अनिवार्य TET (टीईटी) परीक्षा को लेकर शिक्षकों में आक्रोश लगातार बढ़ता जा रहा है। बुधवार को अखिल भारतीय प्राथमिक शिक्षक संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुशील कुमार पांडेय के आह्वान पर जिले के सैकड़ों शिक्षक जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचे। अनिवार्य TET का विरोध करते हुए प्रदर्शन किया। शिक्षकों ने जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा।
कार्यक्रम का नेतृत्व उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ (सम्बद्ध अखिल भारतीय प्राथमिक शिक्षक संघ) चंदौली के कार्यवाहक जिलाध्यक्ष रामइच्छा सिंह ने किया। शिक्षकों ने प्रधानमंत्री, केंद्रीय शिक्षा मंत्री, मुख्यमंत्री और प्रदेश के शिक्षा मंत्री को संबोधित ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपा। ज्ञापन में मांग की गई कि शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 में संशोधन कर अधिनियम लागू होने से पूर्व नियुक्त शिक्षकों को TET उत्तीर्ण करने की अनिवार्यता से मुक्त किया जाए।
शिक्षकों का कहना है कि शिक्षा का अधिकार अधिनियम लागू होने से पहले नियुक्त शिक्षकों के लिए TET पास करना अनिवार्य नहीं था और इस संबंध में न तो भारत सरकार और न ही किसी राज्य सरकार ने कोई निर्देश जारी किया। लेकिन हाल ही में सर्वोच्च न्यायालय ने आदेश दिया है कि देश में शिक्षक बने रहने के लिए TET उत्तीर्ण करना जरूरी होगा। इसमें केवल उन शिक्षकों को छूट दी गई है जिनकी सेवा अवधि पांच वर्ष से कम बची है। हालांकि प्रोन्नति में उन्हें भी राहत नहीं दी गई है।
संघ के पदाधिकारियों ने कहा कि यह निर्णय देश के करीब 15 लाख शिक्षकों की नौकरी और प्रोन्नति पर संकट खड़ा कर रहा है। कोर्ट के आदेश के अनुसार, मात्र दो वर्षों के भीतर सभी शिक्षकों को TET पास करना होगा, जो व्यावहारिक रूप से संभव नहीं है। उन्होंने मांग की कि सरकार तत्काल हस्तक्षेप कर अधिनियम में संशोधन करे और पूर्व में नियुक्त शिक्षकों को TET उत्तीर्ण करने की अनिवार्यता से मुक्त किया जाए।
शिक्षकों ने चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगों पर शीघ्र कार्रवाई नहीं हुई तो वे व्यापक आंदोलन के लिए बाध्य होंगे। इस दौरान जिला महामंत्री उपेंद्र बहादुर सिंह, जिला कोषाध्यक्ष सच्चिदानंद पांडेय, मीडिया प्रभारी शहबाज़ आलम खान समेत धीरेन्द्र विक्रम सिंह, प्रशांत सिंह, नरेंद्र सिंह, ओमप्रकाश यादव, बलराम पाठक, नवीन सिंह, विवेक सिंह, इमरान अली सहित बड़ी संख्या में शिक्षक मौजूद रहे।