
चंदौली। पश्चिम वाहिनी बलुआ गंगा तट पर बना विश्राम गृह और गंगा माता मंदिर बदहाली के हाल में पहुंच चुके हैं। विश्राम गृह की आधा दर्जन से अधिक कुर्सियां टूटकर इधर-उधर बिखरी पड़ी हैं, वहीं श्रद्धालुओं के लिए छाया हेतु लगाया गया टिन शेड भी आंधी-तूफान में उखड़ चुका है। इससे श्रद्धालुओं व स्नानार्थियों को परेशानी हो रही है।
पूजा-पाठ तथा दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को बैठने की सुविधा न मिलने के कारण भारी असुविधा का सामना करना पड़ रहा है। यही नहीं, पिछले वर्ष गंगा माता मंदिर की छत भी टूट कर गिर गई थी, लेकिन अब तक किसी भी जनप्रतिनिधि या प्रशासनिक अधिकारी ने इसकी ओर ध्यान नहीं दिया। बीते वर्ष पर्यटन विभाग और जिला परिषद द्वारा गंगा तट के सौंदर्यीकरण हेतु लाखों रुपए खर्च कर सीढ़ियां, शौचालय, सोलर लाइट, स्नान गृह तथा विश्राम के लिए टिन शेड और सीमेंट की खूबसूरत कुर्सियों का निर्माण कराया गया था। परंतु समुचित रखरखाव के अभाव और प्रशासनिक उपेक्षा के कारण यह संरचनाएं जर्जर हो चुकी हैं।
स्थानीय लोगों का कहना है कि असामाजिक तत्वों द्वारा कुर्सियों को लगातार क्षतिग्रस्त किया जा रहा है और प्रशासन इस पर आंख मूंदे बैठा है। क्षेत्रीय जनता ने जिला प्रशासन से मांग की है कि विश्राम गृह और मंदिर की जल्द मरम्मत कराई जाए ताकि श्रद्धालुओं को सुविधा मिल सके।