
चंदौली। गंगा के जलस्तर में लगातार वृद्धि हो रही है। पिछले 24 घंटे में लगभग 4 फीट जलस्तर बढ़ा है। बलुआ गंगा घाट पर बना शवदाह स्थल जलमग्न हो गया है। गंगा का जलस्तर बढ़ने से तटवर्ती इलाके के लोग सशंकित हैं। केंद्रीय जल आयोग जलस्तर की लगातार निगरानी कर रहा है। सोमवार की सुबह जलस्तर 67.72 मीटर रिकॉर्ड किया गया, जो चेतावनी बिंदु से लगभग चार मीटर नीचे है। गंगा का चेतावनी बिंदु 70.262 मीटर और खतरे का बिंदु 71.262 मीटर है।
सोमवार सुबह तक गंगा का पानी बलुआ घाट पर बनी सीढ़ियों को पार करता हुआ मां गंगा मंदिर के ऊपरी हिस्से तक पहुंच गया। मंदिर परिसर में बना चेंजिंग रूम आधा डूब चुका है और दाह संस्कार स्थल भी जलमग्न हो गया है। इससे अंतिम संस्कार की प्रक्रिया में लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
गंगा का जलस्तर जिस तेजी से बढ़ रहा है, उसे देखकर ग्रामीणों को आगामी दिनों में संभावित बाढ़ की चिंता सताने लगी है। खेतों में लगी फसलें बर्बादी के कगार पर हैं। पिछले वर्षों की तरह इस बार भी हजारों एकड़ उपजाऊ भूमि के गंगा में समाहित होने की आशंका गहराती जा रही है।
गंगा के तटवर्ती गांव जैसे भूपौली, डेरवा, महड़ौरा, कांवर, पकड़ी, महुअरिया, विशुपुर, महुआरी खास, सराय, बलुआ, डेरवाकला, महुअरकला, हरधनजुड़ा, गंगापुर, पुरा विजयी, पुरा गणेन, चकरा, सोनबरसा, टांडाकला, महमदपुर, सरौली, तीरगावा, हसनपुर, बड़गांवा, नादी निधौरा और सहेपुर के किसान जलस्तर बढ़ने से सहमे हुए हैं।
ग्रामीणों का कहना है कि यदि जल्द ही जलस्तर में कमी नहीं आई तो स्थिति और विकराल हो सकती है। भूमि कटान और बाढ़ की मार से फसल तो जाएगी ही, गांवों का संपर्क भी टूट सकता है। प्रशासनिक स्तर पर अब तक किसी राहत या बचाव कार्य की पहल नहीं हुई है, जिससे नाराज ग्रामीणों ने तत्काल निरीक्षण और तैयारी की मांग की है।