
चंदौली। सांसद वीरेंद्र सिंह ने धानापुर शहीद स्मारक को लेकर अलग राग छेड़ा है। उन्होंने स्मारक की देखरेख करने वाली संस्था पर आरोप लगाए। सांसद 16 अगस्त 1942 को महात्मा गांधी के ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ के दौरान धानापुर थाना पर कब्जे के प्रयास में शहीद जिले के वीर सपूतों की याद में आयोजित श्रद्धांजलि सभा के मंच पर नहीं गए। कहा कि आंदोलन में जान गंवाने वाले दलित, पिछड़े और अतिपिछड़े वर्ग के शहीदों की उपेक्षा की जा रही है।
सांसद ने पत्र जारी कर बताया कि उनकी निधि से संस्था को शहीदों का चबूतरा बनवाने, मूर्ति लगवाने और टीन शेड आदि के निर्माण के लिए 10 लाख रुपये दिए जा रहे हैं, लेकिन संस्था इसे स्वीकार नहीं कर रही है। ऐसा कर शहीदों की उपेक्षा की जा रही है। सांसद ने कहा कि दुर्भाग्यवश आज भी पिछड़े, अतिपिछड़े, दलित और वंचित वर्ग के शहीदों के योगदान को समाज में बराबरी का स्थान नहीं मिल पा रहा है। यह स्थिति संविधान की आत्मा के खिलाफ है और सामाजिक न्याय के मूल भाव को कमजोर करती है।
सांसद ने विश्वास जताया कि 2027 में समाजवादी पार्टी की सरकार बनने पर इन शहीदों को उचित स्थान और सम्मान अवश्य दिलाया जाएगा। साथ ही उन्होंने इस कार्यक्रम में शामिल न हो पाने पर खेद व्यक्त करते हुए सभी से क्षमा भी मांगी।