
चंदौली। जिला स्वास्थ्य समिति की मीटिंग गुरुवार को कलेक्ट्रेट सभागार में हुई। इसमें जिलाधिकारी चंद्रमोहन गर्ग ने स्वास्थ्य योजनाओं के प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने चिकित्सकों और स्वास्थ्यकर्मियों को हिदायत दी कि पीएचसी और सीएचसी में नियमित उपस्थित रहें। निरीक्षण के दौरान यदि कोई गैरहाजिर मिला तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
जिलाधिकारी ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया कि जिले की स्वास्थ्य सुविधाएं पूरी तरह सुलभ, व्यवस्थित और सशक्त होनी चाहिए। उन्होंने स्पष्ट कहा कि सीएचसी और पीएचसी जैसे प्राथमिक एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर डॉक्टरों, नर्सिंग स्टाफ और अन्य कर्मियों की नियमित उपस्थिति अनिवार्य है। उन्होंने रिक्त पदों की शीघ्र पूर्ति के लिए भी त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिए।
जिलाधिकारी ने सभी स्वास्थ्य इकाइयों में आवश्यक दवाओं की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करने को कहा। उन्होंने जन औषधि केंद्रों की स्थिति की समीक्षा करते हुए सुधारात्मक कदम उठाने की आवश्यकता बताई। साथ ही, उन्होंने अस्पताल परिसरों में स्वच्छता, पेयजल, शौचालय और बिजली व्यवस्था को बेहतर बनाए रखने के निर्देश दिए। मरीजों एवं उनके परिजनों की सुविधा हेतु प्रतीक्षालय, शेड एवं स्पष्ट मार्ग संकेतकों की व्यवस्था सुनिश्चित करने को भी कहा गया।
बैठक में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत संचालित जननी सुरक्षा योजना, आयुष्मान भारत, मिशन इंद्रधनुष, टीकाकरण अभियान और परिवार नियोजन कार्यक्रम की प्रगति की समीक्षा की गई। जिलाधिकारी ने निर्देशित किया कि इन योजनाओं का लाभ पात्र लाभार्थियों तक पारदर्शिता के साथ पहुंचे, इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
उन्होंने यह भी कहा कि सीएचसी/पीएचसी स्तर पर कार्यरत सभी अधिकारी ग्राउंड लेवल पर कार्य को प्रभावी बनाएं, ताकि आमजन तक बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंच सकें। नवजात शिशुओं के लिए जन्म प्रमाण पत्र डिस्चार्ज से पूर्व अनिवार्य रूप से जारी करने के निर्देश भी दिए गए। साथ ही टीबी रोगियों की नियमित देखभाल पर भी विशेष ध्यान देने को कहा गया।
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी आर. जगत साईं, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. वाई. के. राय, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक, बेसिक शिक्षा अधिकारी, तथा जिले के सभी सीएचसी/पीएचसी के चिकित्साधिकारी मौजूद रहे। जिलाधिकारी ने अंत में स्पष्ट किया कि दिए गए निर्देशों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित किया जाए और जनता को स्वास्थ्य सेवाएं बिना बाधा के मिलें, यही शासन की प्राथमिकता है।