
चंदौली । मुगलसराय के उप जिलाधिकारी अनुपम मिश्रा के कथित दमनात्मक रवैये और भेदभावपूर्ण कार्रवाई के विरोध में शुक्रवार को शहाबगंज ब्लॉक मुख्यालय पर भाकपा (माले) कार्यकर्ताओं ने धरना दिया। जिलाधिकारी और मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन सौंपकर एसडीएम का जिले से तत्काल तबादला किए जाने की मांग की।
भाकपा माले राज्य स्थायी समिति सदस्य एवं जिला सचिव कामरेड अनिल पासवान ने आरोप लगाया कि 30 अक्टूबर को एसडीएम अनुपम मिश्रा बुलडोजर और पुलिस बल के साथ अचानक रेवसा गांव पहुंचे और बिना पूर्व सहमति के एक मकान को ढहाने की कार्रवाई शुरू कर दी। ग्रामीणों ने पुनर्वास की मांग और पूर्व में हुई वार्ता का हवाला देते हुए कार्रवाई रोकने की अपील की, लेकिन एसडीएम ने उनकी आपत्ति को नज़रअंदाज़ कर कार्यवाही जारी रखी।
कामरेड पासवान ने आरोप लगाया कि विरोध करने पर मकान स्वामी तथा माले नेताओं समेत चार लोगों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया। दो लोगों को छोड़ दिया गया, जबकि भाकपा माले जिला सहसचिव और अखिल भारतीय किसान महासभा राज्य काउंसिल सदस्य कामरेड संजय यादव को थाने ले जाकर कथित रूप से एसडीएम द्वारा सीसीटीवी कैमरा बंद कर गाली-गलौज, धमकी और लाठी से मारपीट की गई। बाद में उन पर फर्जी धाराओं में केस दर्ज किया गया और पुनः एसडीएम चेंबर में बुलाकर मानसिक उत्पीड़न किया गया।
नेताओं ने आरोप लगाया कि यह कार्रवाई पूरी तरह अवैध, भेदभावपूर्ण और बदले की भावना से प्रेरित है। उन्होंने मांग की कि एसडीएम अनुपम मिश्रा के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर कानूनी कार्रवाई की जाए और रेवसा गांव के दलित-गरीब परिवारों को मकान गिराने से पहले जमीन व आवास उपलब्ध कराकर पुनर्वास सुनिश्चित किया जाए।
धरना-सभा में रामकिशुन पाल, चंद्रिका यादव, धर्मपाल राम, रामबचन बनवासी, परमहंस राम, लालबरत राम, कमली वनवासी, बैजंतीमाला देवी सहित बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं की उपस्थिति रही। कार्यक्रम का संचालन कामरेड रामायण राम ने किया।

