
चंदौली। कृषि विभाग की टीम ने औद्योगिक इकाइयों द्वारा अनुदानित यूरिया के संभावित दुरुपयोग के मद्देनजर औद्योगिक इकाइयों में छापेमारी की। जिलाधिकारी चंद्रमोहन गर्ग के निर्देश पर टीम ने पांच औद्योगिक इकाइयों की जांच की। इस दौरान यूरिया के स्टॉक की जांच की। वहीं सैंपल भी लिए। कृषि विभाग की टीम ने यूरिया का दुरूपयोग न करने की हिदायत दी।
इस अभियान में जिला कृषि अधिकारी, उप सम्भागीय कृषि प्रसार अधिकारी तथा उपायुक्त उद्योग शामिल थे। टीम ने कैटल फीड, कुक्कुट फीड, साबुन, पेंट, बार्निश, मुद्रण स्याही, लिबास चादरें, प्लाईवुड, लेमिन बोर्ड, पार्टीकल बोर्ड आदि उत्पाद बनाने वाली इकाइयों में निरीक्षण किया। छापेमारी के दौरान टेक्निकल ग्रेड यूरिया का एक नमूना जांच के लिए लिया गया।
प्रारंभिक जांच में यह स्पष्ट हुआ कि निरीक्षण की गई औद्योगिक इकाइयों में अनुदानित यूरिया का उपयोग नहीं किया गया है। हालांकि, सभी औद्योगिक इकाइयों के प्रोपराइटरों को सख्त चेतावनी दी गई है कि भविष्य में किसी भी उत्पाद के निर्माण में अनुदानित यूरिया का प्रयोग न करें। यदि आगे की जांच में इसका दुरुपयोग पाया गया तो उर्वरक नियंत्रण आदेश, 1985 के तहत कठोर वैधानिक कार्रवाई की जाएगी।
प्रशासन ने स्पष्ट किया कि यह अभियान अनियमितताओं पर प्रभावी अंकुश लगाने के उद्देश्य से आगे भी जारी रहेगा। साथ ही, यह भी बताया गया कि जनपद में उर्वरकों की कोई कमी नहीं है और हर क्षेत्र में पर्याप्त मात्रा में उर्वरक उपलब्ध हैं। किसानों को भी सलाह दी गई है कि वे केवल अधिकृत विक्रेताओं से ही उर्वरक खरीदें और अनियमित गतिविधियों की सूचना तुरंत प्रशासन को दें। अवैध कालाबाजारी में संलिप्त पाए जाने पर विक्रेताओं पर भी सख्त कार्रवाई की जाएगी।