
चंदौली। भारतमाला परियोजना के तहत रेवसा गांव के दलित और भूमिहीन परिवारों के पुनर्वास को लेकर जारी आंदोलन अब उग्र हो गया है। मुगलसराय एसडीएम के रवैया से लोगों में खासी नाराजगी देखने को मिल रही है। बुधवार को भाकपा माले जिला कमेटी के आह्वान पर जिलेभर में एसडीएम अनुपम मिश्रा के खिलाफ जोरदार विरोध प्रदर्शन हुआ। कई स्थानों पर पुतला दहन, गिरफ्तारी और ज्ञापन सौंपने के मामले सामने आए।
थाने का कैमरा बंद करवा कर पिटवाने का आरोप
रेवसा में चल रहा अनिश्चितकालीन धरना अब क्रमिक भूख हड़ताल में बदल गया है। आंदोलनकारियों का आरोप है कि एसडीएम ने पूंजीपतियों के दबाव में आकर मकान गिराने का विरोध करने वालों पर फर्जी मुकदमे दर्ज कराए। किसान महासभा के राज्य काउंसिल सदस्य संजय यादव समेत चार लोगों पर कार्रवाई की गई, जिनमें संजय यादव को जेल भेजा गया। आरोप यह भी है कि थाने में एसडीएम ने सीसीटीवी कैमरा बंद कराकर संजय यादव के साथ मारपीट और अभद्रता की।
जिले में कई स्थानों पर फूंका एसडीएम का पुतला, कार्रवाई की मांग
जिलेभर में प्रदर्शन के दौरान नौगढ़, चहनिया, रेवसा, सकलडीहा और सैदपुर में कार्यकर्ताओं ने पुतला फूंका और विरोध जताया। चकिया में राज्य कमेटी सदस्य विजई राम को सुबह ही पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। विभिन्न स्थानों पर कार्यकर्ताओं ने थानाध्यक्षों के माध्यम से जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपकर एसडीएम के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।धानापुर में पुतला दहन के दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों में झड़प भी हुई, जिसमें पुलिस पुतला लेकर भाग गई।भाकपा (माले) जिला सचिव अनिल पासवान ने आरोप लगाया कि एक ही मामले में एक व्यक्ति को बेल और किसान नेता को जेल भेजना भेदभावपूर्ण कार्रवाई है। उन्होंने कहा कि 30 नवंबर को एसडीएम बुलडोजर लेकर रेवसा पहुंचे और ग्रामीणों के विरोध के बावजूद मकान गिराने की कोशिश की, जिसके बाद चार लोगों को गिरफ्तार कराया गया।नेताओं ने मांग की है कि एसडीएम अनुपम मिश्रा को तत्काल हटाया जाए, उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जाए, संजय यादव को बिना शर्त रिहा किया जाए और सभी विस्थापित दलित-गरीब परिवारों को पुनर्वास दिया जाए।

