
Chandauli Crime News: अलीनगर थाना क्षेत्र इन दिनों अपराध का हॉटस्पॉट बन चुका है। बढ़ती वारदातों और युवाओं के हाथ में खुलेआम असलहों की मौजूदगी ने पुलिस की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। आमजन में भय का माहौल है, जबकि पुलिस बड़े गुडवर्क से दूर छोटे शराब तस्करों को पकड़ने तक सीमित है।
आखिर युवाओं तक कैसे पहुंच रहे असलहे?
पिछले कुछ महीनों में जिले में कई घटनाएं सामने आई हैं जहां छोटे-छोटे विवादों में युवक तमंचा और पिस्टल निकाल कर गोली चला दे रहे हैं। हथियारों की यह आसान उपलब्धता पुलिस, खुफिया तंत्र और क्राइम ब्रांच की नाकामी को उजागर करती है। कहीं से कोई हथियार बरामदगी या सप्लाई चेन तोड़ने की ठोस कार्रवाई नहीं हुई है।
अलीनगर पुलिस की सीमित कार्रवाई: सिर्फ छोटे शराब तस्करों को पकड़ने तक सीमित
अलीनगर पुलिस इन गंभीर अपराधों पर आंख मूंदकर केवल आरपीएफ के सहयोग से छोटे शराब तस्करों को पकड़कर खुद की पीठ थपथपाने में लगी है। जबकि क्षेत्र में बड़े पैमाने पर गांजा, पेट्रोल-डीज़ल की चोरी, और अवैध हथियारों की तस्करी चल रही है।
थाना क्षेत्र में पकड़ा गया था भारी मात्रा में गांजा और तेल चोरी का खेल
कुछ महीने पहले अलीनगर थाना क्षेत्र के एक गोदाम से भारी मात्रा में गांजा जब्त किया गया था। साथ ही तेल चोरी के बड़े खेल का भी खुलासा हुआ था। लेकिन इन मामलों को बड़े स्तर पर उठाने की बजाय पुलिस ने इन्हें धीरे-धीरे ठंडे बस्ते में डाल दिया।
मामलों को दबाने में माहिर हैं अलीनगर इंस्पेक्टर
स्थानीय लोगों का आरोप है कि अलीनगर इंस्पेक्टर खास मामलों को दबाने में “माहिर” हो चुके हैं। न ही किसी बड़े अपराधी की गिरफ्तारी हुई, न ही किसी गैंग पर कोई ठोस कार्रवाई दिखाई दी। थाने की कार्यप्रणाली अब केवल ‘समझौता संस्कृति’ तक सिमटती जा रही है। कई बड़े मामलों का अब तक खुलासा नहीं हो सका है।
युवाओं के पास हथियार कैसे पहुंच रहे इसकी जांच कराई जाएगी। अब तक की पड़ताल में हथियारों का एमपी कनेक्शन सामने आया है। हथियार तस्करी रोकथाम की दिशा में प्रभावी कार्रवाई शुरू कर दी गई है। आदित्य लांग्हे एसपी चंदौली