
Chandauli News: चहनियां क्षेत्र के लक्ष्मणगढ़ स्थित श्री लक्षुब्रह्म बाबा मंदिर परिसर में आयोजित लक्षुब्रह्म वार्षिकोत्सव एवं श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ महोत्सव के तीसरे दिन श्रद्धा और भक्ति का अद्भुत माहौल देखने को मिला। सैकड़ों श्रद्धालुओं ने कथा श्रवण कर पुण्य लाभ अर्जित किया तथा लक्षुब्रह्म बाबा का दर्शन-पूजन किया।
कथा व्यास गया पीठाधीश्वर श्री वेंकटेश प्रपन्नाचार्य ने कहा कि मनुष्य जन्म मिलना सौभाग्य है, लेकिन मानव जीवन को कैसे जिया जाए, यह श्रीमद् भागवत कथा सिखाती है। जब मृत्यु का भय समाप्त हो जाए, तभी समझना चाहिए कि भागवत की कृपा प्राप्त हो गई। उन्होंने कहा कि धन अर्जन आवश्यक है, लेकिन उसका सदुपयोग धार्मिक कार्यों में होना चाहिए। सांसारिक भोग में खर्च किया गया धन क्षणिक है, जबकि धर्म में लगाया गया धन ही सार्थक होता है।
आत्मदेव और गोकर्ण प्रसंग के माध्यम से उन्होंने बताया कि भगवान की सेवा, कथा श्रवण, निंदा-प्रशंसा से दूर रहना, मन को शांत रखना और सत्संग अपनाना ही जीवन का सही मार्ग है।
इस अवसर पर राजेन्द्र मिश्रा, गणेश सिंह, संजय सिंह, चम्मच पाण्डेय, राजेन्द्र पाण्डेय, ध्रुव मिश्रा प्रिंस, सौरभ सिंह, सुधीर मिश्रा, दिवाकर पाण्डेय सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे।

