
चंदौली। चकिया नगर स्थित उपेक्षित रोडवेज बस स्टेशन के दिन अब बहुरने वाले हैं। ढाई करोड़ रुपये की लागत से बस स्टेशन का कायाकल्प किया जाएगा, जिससे यात्रियों को बेहतर सुविधाएं मिल सकें। इस परियोजना के तहत स्टेशन परिसर में डीलक्स शौचालय, वेटिंग एरिया, रूफबेंच, इंटरलॉकिंग, वाटर कूलर और एक बहुमंजिला इमारत का निर्माण किया जाएगा।
मंगलवार को क्षेत्रीय प्रबंधक (एआरएम) उमाशंकर त्रिपाठी, विधायक कैलाश आचार्य, चेयरमैन गौरव श्रीवास्तव और कार्यदायी संस्था के अधिकारियों ने संयुक्त रूप से निरीक्षण कर कार्य योजना को अंतिम रूप दिया। यह पहल यात्रियों की वर्षों पुरानी मांग और जनप्रतिनिधियों की सक्रियता का नतीजा है।
चकिया बस स्टेशन की स्थापना 1975 में मुकदमेबाजी के लंबे दौर के बाद हुई थी। शुरुआती वर्षों में यहां से वाराणसी, प्रयागराज, शक्तिनगर, सिंगरौली, नौगढ़ और लखनऊ जैसे बड़े शहरों के लिए नियमित बस सेवा संचालित होती थी। लेकिन समय के साथ उपेक्षा, रखरखाव की कमी और प्रशासनिक लापरवाही के कारण बस सेवाएं बंद होती गईं। वर्तमान में यहां से केवल नौगढ़, अहरौरा, सिकंदरपुर और टेंगरा मोड़ जैसे सीमित रूटों पर ही बसें चलती हैं।
2022 में हुई थी पहल, अब मिलेगी स्थायी सुविधा
वर्ष 2022 में मंत्री बनने के बाद दयाशंकर सिंह ने चकिया बस स्टेशन का निरीक्षण किया था और तत्काल सुधार कार्यों के लिए 4 लाख रुपये की मंजूरी दी थी। हालांकि यह राशि केवल रंग-रोगन और मरम्मत तक ही सीमित रही। अब ढाई करोड़ रुपये की समग्र विकास योजना से उम्मीद है कि चकिया क्षेत्र के हजारों यात्रियों को गुणवत्तापूर्ण परिवहन सुविधा मिलेगी।
इस पुनर्विकास योजना में स्थानीय जनप्रतिनिधियों की सक्रिय भागीदारी निर्णायक रही। निरीक्षण के दौरान परिवहन विभाग के अधिकारी अरविंद कुमार गोंड, शुभम मोदनवाल और दीपक चौहान भी मौजूद रहे। परियोजना के पूरा होने के बाद चकिया बस स्टेशन पूर्वी उत्तर प्रदेश का एक प्रमुख परिवहन केंद्र बन सकता है।