
चंदौली। आपातकाल के 50 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में बुधवार को भाजपा कार्यालय चंदौली में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। 25 जून 1975 को लगाए गए आपातकाल की घटनाओं पर चर्चा करते हुए वक्ताओं ने लोकतंत्र को कुचलने वाले उस दौर को “भारतीय लोकतंत्र पर काला धब्बा” बताया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि व प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री अनिल राजभर ने कहा कि “लोकतंत्र को क्षत-विक्षत कर रक्त रंजित करने वाले आपातकाल की भयावहता आज भी स्मृतियों में जीवित है। कांग्रेस ने 50 वर्ष पूर्व अपने दंभ और अहंकार में लोकतांत्रिक मूल्यों पर हमला कर क्रूरता और दमन की पराकाष्ठा पार कर दी थी।” उन्होंने बताया कि 25 जून 1975 की आधी रात को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने आंतरिक अशांति का हवाला देकर देश पर आपातकाल थोप दिया था, जबकि यह कदम सत्ता बचाने की हताशा में उठाया गया था।
राज्यसभा सांसद साधना सिंह ने आपातकाल के ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य को साझा करते हुए कहा कि 1971 में मिली भारी चुनावी जीत के बावजूद इंदिरा गांधी की वैधानिकता पर जब विपक्षी नेता राज नारायण ने सवाल उठाए, तो उनकी घबराहट में लिए गए फैसलों ने देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था को झकझोर कर रख दिया।
मुगलसराय विधायक रमेश जायसवाल ने कहा कि 12 जून 1975 को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इंदिरा गांधी को चुनावी भ्रष्टाचार में दोषी करार दिया था, जिसके बाद 25 जून को देश पर आपातकाल थोपा गया।
इस अवसर पर लोकतंत्र सेनानियों को अंग वस्त्र देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में चकिया विधायक कैलाश खरवार, भाजपा जिलाध्यक्ष काशी नाथ सिंह, अनिल सिंह, राणा प्रताप सिंह, शिवराज सिंह, किरन शर्मा, अनिल तिवारी, शिव मंगल वियार आदि उपस्थित रहे।
कैबिनेट मंत्री ने अखिलेश यादव पर साधा निशाना
पत्रकार वार्ता में अनिल राजभर ने समाजवादी पार्टी व अध्यक्ष अखिलेश यादव पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि “2027 आते-आते अखिलेश यादव को अपने बहुत से विधायकों को बाहर का रास्ता दिखाना पड़ेगा।” उन्होंने यह भी कहा कि हाल ही में अखिलेश यादव ने अपने तीन विधायकों को इसलिए निकाला क्योंकि उन्होंने उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था और विकास की सराहना की थी।
राजभर ने जोर देकर कहा कि “आज संविधान की बात करने वाले लोग वही हैं जिन्होंने अतीत में संविधान को कुचला। प्रेस और न्यायपालिका तक को दबाया गया। आज की पीढ़ी को आपातकाल के उस काले अध्याय को जानना और समझना अत्यंत आवश्यक है।