
जय तिवारी की रिपोर्ट
चंदौली। जनपदवासियों के लिए वाराणसी समेत दूसरे जिलों की राह अब काफी आसान होगी। रिंग रोड के एक लेन पर रविवार से आवागमन शुरू हो जाएगा। इससे घंटों की दूरी अब चंद मिनटों में ही तय हो जाएगी। रिंग रोड पर अभी दो पहिया और चार पहिया वाहन चलेंगे। फिलहाल, भारी वाहनों का आवागमन प्रतिबंधित रहेगा।
1800 मीटर लंबा और 30 मीटर ऊंचा गंगा पुल
पूर्वांचल की बहुप्रतीक्षित बनारस-चंदौली रिंग रोड परियोजना अब अपने अंतिम चरण में पहुंच चुकी है। एक लेन का काम पूरा हो चुका है। ऐसे में अब इस पर आवागमन शुरू होने जा रहा है। रिंग रोड कुल 27 किलोमीटर लंबा है, जो वाराणसी के संदहा क्षेत्र से शुरू होकर चंदौली जिले के रेवसा तक जाता है। इसमें चंदौली का लगभग 17.8 किलोमीटर हिस्सा शामिल है। इस परियोजना का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा गंगा नदी पर बना 1800 मीटर लंबा ब्रिज है, जिसे उच्च स्तर पर 30 मीटर की ऊंचाई पर निर्मित किया गया है ताकि बाढ़ और डाभ क्षेत्र में जलभराव की स्थिति में भी आवागमन प्रभावित न हो।
949 करोड़ है परियोजना की लागत
जून 2019 में शुरू हुई यह परियोजना वर्ष 2024 के सितंबर तक पूर्ण की जानी थी। हालांकि, कोविड-19 महामारी और भूमि अधिग्रहण से जुड़ी चुनौतियों के कारण कुछ विलंब हुआ, फिर भी परियोजना पर कार्य अनवरत जारी रहा और कभी पूरी तरह से बंद नहीं हुआ। इस परियोजना की कुल लागत प्रारंभ में 949 करोड़ रुपये थी, जिसमें ब्रिज, मिट्टी कार्य, रेलवे ओवर ब्रिज और अन्य निर्माण कार्य शामिल थे। हालांकि कार्य अवधि बढ़ने के कारण लागत में भी वृद्धि हुई।
इन कंस्ट्रक्शन कंपनियों ने कराया काम
परियोजना में दो प्रमुख निर्माण कंपनियां लगी हैं। गंगा ब्रिज का निर्माण गेमन कांट्रैक्टर्स प्राइवेट लिमिटेड द्वारा किया गया है, जबकि सड़क, पुल, पुलिया और ROB का कार्य एमसीसी महादेव कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड को सौंपा गया है। रिंग रोड चंदौली के सुल्तानपुर ग्राम सभा से शुरू होकर रेवसा तक जाती है और मुगलसराय व चहनियां क्षेत्रों को सीधे जोड़ती है। इसके अलावा, एक दर्जन अन्य मार्गों से भी इसकी कनेक्टिविटी सुनिश्चित की गई है। इस मार्ग पर 2 रेलवे ओवरब्रिज, 8 अंडर पास तथा सर्विस रोड बनाए गए हैं, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को आवाजाही और कृषि कार्यों में सहूलियत मिलेगी।
भारी वाहनों का आवागमन प्रतिबंधित
फिलहाल इस मार्ग को ट्रायल के तौर पर खोला जा रहा है, जिसमें भारी वाहनों पर प्रतिबंध रहेगा। अभी सिर्फ दोपहिया और चारपहिया छोटे वाहनों को ही अनुमति दी गई है। यह परियोजना एक ‘न्यू अलाइनमेंट प्रोजेक्ट’ है, जो खेतों और ग्रामीण इलाकों से गुजरती है। निर्माण के दौरान कई तकनीकी, भौगोलिक और सामाजिक चुनौतियां आईं, लेकिन अथक प्रयासों और समर्पण से इसे अब मूर्त रूप दिया गया है। यह रिंग रोड न केवल क्षेत्रीय विकास को गति देगा, बल्कि यातायात के दबाव को भी काफी हद तक कम करेगा।
इनकी की रही अहम भूमिका
एमसीसी महादेव कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड के प्रवंध निदेशक अनूप कुमार सिंह के कुशल मार्गदर्शन और निरीक्षण, निदेशक उमेश कुमार सिंह के पर्यवेक्षण में एजीएम आरआर मिश्रा, इंजीनियर अभिषेक सिंह, विक्रांत सिंह, रोहित, रंजित सिंह व गैमन इंजीनियर्स का. प्रा. लि. के इंजीनियरों की संयुक्त टीम के प्रयासों से रिंग रोड बनकर तैयार हुआ है।