
चंदौली। सियासत में ऊंट कब किस करवट बैठ जाए कहा नहीं जा सकता। वैसे भी बड़े दल जीतने वाले घोड़े पर ही दांव लगाते हैं। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के बाद प्रदेश की सियासत विधान सभा चुनाव की सरगर्मी से तपने लगेगी। भाजपा नए कार्यकर्ताओं को मौका देने के लिए जानी जाती है। सकलडीहा विधान सभा सीट की बात करें तो यहां सवर्ण मतदाताओं की अच्छी खासी संख्या है। यही वजह है कि भाजपा, बसपा और कांग्रेस जैसी पार्टियां सवर्ण प्रत्याशियों को टिकट पकड़ाने में संकोच नहीं करतीं। पिछले चुनाव में भाजपा ने जिला पंचायत सदस्य सूर्यमुनी तिवारी पर भरोसा जताया। जिले की चार विधान सभा सीटों पर भगवा झंडा लहराया। प्रदेश में भाजपा की प्रचंड बहुमत की सरकार बनी लेकिन सूर्यमुनी तिवारी यहां चारों खाने चित हो गए। ऐसे में इस सीट से नए उम्मीदवार के आने की अटकलें लगने लगी हैं। जिला संयोजक चिकित्सा प्रकोष्ठ भाजपा डा. केएन पांडेय का नाम तेजी से उभरा है। केएन पांडेय ने एक जनवरी को अपने जन्मदिन के अवसर पर भाजपा जिलाध्यक्ष और समर्थकों के साथ बाबा कीनाराम का दर्शन कर एक तरह से अपनी दावेदारी के संकेत दे दिए।
पूर्व सैनिक और पार्टी में काफी सक्रिय डा. केएन पांडेय केंद्रीय मंत्री और जिले के सांसद डा. महेंद्र नाथ पांडेय के भी काफी करीबी माने जाते है। इनकी सक्रियता को देखते हुए ही पार्टी ने इन्हें चिकित्सा प्रकोष्ठ का जिला संयोजन बनाया है। लोकसभा चुनाव में भी इन्होंने डा. महेंद्र नाथ पांडेय की जीत में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की थी। जिला संगठन में भी इसकी काफी मजबूत पैठ मानी जाती है। एक धड़ा यह चाहता है कि डा. पांडेय सकलडीहा से पार्टी की नुमाइंदगी करें। बहरहाल चुनाव में अभी काफी समय है लेकिन चर्चाओं का बाजार गर्म होने ही लगा है।