- अर्थराइटिस आजकल बहुत ही आम बीमारी हो गई है
- महिलाएं सबसे अधिक इसका शिकार हो रही हैं
- सही समय पर चिकित्सकीय परामर्श से इसे ठीक किया जा सकता है
चंदौली। गठिया या गठिया बाय जिसे चिकित्सकीय भाषा में अर्थराइटिस नाम से भी जाना जाता है आजकल बहुत ही आम बीमारी हो गई है। ये रोग ना सिर्फ़ बूढ़े लोगों में देखने को मिलता है बल्कि इसकी चपेट में नौजवान लोग भी आ रहे हैं। महिलाएं सबसे अधिक इसका शिकार हो रही हैं। जिला अस्पताल चंदौली और मुंबई के प्रसिद्ध लीलावती अस्पताल में अपनी सेवाएं दे चुके चंदौली स्थित शिवोय हास्पिटल के चिकित्सक नस एवं हड्डी रोग विशेषज्ञ डा. संजय त्रिपाठी की माने तो कुछ दवाओं, सही खानपान और व्यायाम के जरिए इस समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है।
आर्थो सर्जन डा. संजय त्रिपाठी ने बताया कि अर्थराइटिस से पीड़ित लोगों के शरीर में काफ़ी दर्द होता है। अर्थराइटिस घुटनों और कूल्हे की हड्डियों पर अधिक प्रभाव डालता है। गठिया की शुरुआत कई कारणों से होती है जैसे चोट लगने से, जोड़ों में संक्रमण होने से, ऑटोइम्यून की बीमारी होने से, खेल – कूद में अधिक सक्रिय रहने से, जोड़ों का अधिक इस्तेमाल करने से और कुछ अन्य कारणों से जोड़ों में दर्द रहने लगता है जिसे गठिया रोग कहते हैं। 40 से अधिक आयु वर्ग की महिलाओं में तेजी से यह समस्या बढ़ रही है। खासकर बच्चेदारी के आपरेशन के बाद महिलाएं इसकी चपेट में आ रही हैं। सही समय पर चिकित्सकीय परामर्श से इसे ठीक किया जा सकता है। बताया कि चंदौली शिवोय हास्पिटल में हड्डी और नसों से जुड़ी बीमारियों के इलाज और आपरेशन की सुविधा उपलब्ध है।