चंदौली। पशु तस्करों से रिश्वत लेने के आरोप में पकड़ गए चकरघट्टा थाना के पूर्व थानेदार सुधीर कुमार आर्या को अदालत से जमानत मिल गई है। प्रभारी विशेष न्यायाधीश (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम प्रथम) रजत वर्मा की अदालत ने आरोपित पुलिस इंस्पेक्टर को जमानत दे देते हुए 75-75 हजार रुपए की दो जमानतें एवं बंधपत्र देने पर रिहा करने का आदेश दिया है।
मूलरूप से घोसी मऊ के निवासी सुधीर कुमार आर्या जिले के चकरघट्टा थाने पर तैनात थे। अदालत में बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता अनुज यादव के साथ सलाहुद्दीन व अखिलेश चंद्र ने पक्ष रखा। अभियोजन पक्ष के अनुसार क्षेत्राधिकारी सर्किल नौगढ़ कृष्ण मुरारी शर्मा ने 6 अप्रैल 2024 को चंदौली जनपद के चकरघट्टा थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी थी। आरोप था कि सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे ऑडियो जिसमें पुलिस विभाग के एक कर्मचारी द्वारा एक महिला से गो तस्कर को छोड़ने के एवज में एक लाख रुपये अवैध रूप से मांगने से संबंधित तथ्य पाए गए। उक्त आडियो क्लिप की जांच की गई। इसमें थाना चकरघट्टा, जनपदचंदौली में नियुक्त कांस्टेबल संजय कुमार यादव द्वारा थाना चकरघट्टा के ग्राम परसहयां निवासिनी रशीदन निशा उर्फ फूलन उर्फ नेताइन से गो तस्करी में पकड़े गए आरोपी पप्पू उर्फ श्याम सुन्दर पुत्र बचाऊ को छोड़ने के एवज में एक लाख रुपये मांगने की बात आडियो क्लिप में होना पाया गया। इसमें संबंधित थाने के प्रभारी निरीक्षक के पद पर तैनात रहते हुए मुख्य अभियुक्त को मौके से भाग जाने का अवसर प्रदान किया और उसके इशारे पर ही मुख्य अपराध कारित किया गया। इस मामले में थाना प्रभारी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था।
अदालत में बचाव पक्ष की ओर से दलील दी कि उक्त ऑडियो क्लिप में न ही उसकी आवाज है। और न ही उसने किसी से कोई रिश्वत की मांग ही की है। साथ ही इस घटना के 26 दिन बाद उसे मात्र दुर्भावनावश गिरफ्तार किया गया है। जबकि उसका इस पूरे घटनाक्रम से कोई लेना देना ही नहीं है और न ही उसके खिलाफ भ्रष्टाचार का कोई अपराध ही बनता है।