
चंदौली। पंचायतों की आरक्षण सूची जारी होने के साथ ही कई धुरंधरों का चुनाव लड़ने का सपना चकनाचूर हो गया। कई महीने पहले से ही कमर कसकर मैदान में उतर चुके संभावित उम्मीदवारों को कतई अंदाजा नहीं था कि आरक्षण उनके मंसूबों पर पानी फेर देगा। कुछ तो नेताओं और जनप्रतिनिधियों से जुगाड़ लगाने के बाद आश्वस्त हो गए थे। लिहाजा शासन ने आरक्षण को लेकर अपनी शिकायत दर्ज कराने का जो मौका दिया है लोग उसी से थोड़ी बहुत उम्मीद लगाए बैठे हैं। आरक्षण सूची जारी होने के बाद से अब तक जिले में अधिकारी कार्यालयों में 175 आपत्तियां दाखिल हो चुकी हैं। प्राविधान के अनुसार सोमवार शाम तक लोग आपत्ति दाखिल कर सकते हैं। आपत्तियों के परीक्षण और निस्तारण के बाद 14 मार्च को अंतिम सूची प्रकाशित कर दी जाएगी।
आबादी के मानक और 1995 से 2015 तक के आरक्षण को ध्यान में रखते हुए बीते तीन मार्च को ग्राम प्रधान, क्षेत्र पंचायत सदस्य व जिला पंचायत सदस्य पदों का आरक्षण जारी कर दिया गया। आरक्षण जारी होने के साथ ही कुछ लोगों की बाछें खिल गई तो कई चेहरे मायूस हो गए। लिहाजा आरोप और प्रत्यारोप का दौर तब से ही शुरू है। कई लोग आरक्षण प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए एडीएम कार्यालय, डीपीआरओ कार्यालय और खंड विकास अधिकारी कार्यालयों पर आपत्ति दर्ज करा रहे हैं। चंदौली में अब तक 175 से अधिक लोग आपत्ति दाखिल कर चुके हैं। जिला प्रशासन आठ मार्च तक आपत्तियां लेगा। इसके बाद सभी आपत्तियां डीपीआरओ कार्यालय में इकट्ठा की जाएंगी। डीएम की अध्यक्षता में गठित समिति आपत्तियों का परीक्षण और निस्तारण कर 14 मार्च को अंतिम सूची प्रकाशित कर देगी। हालांकि आरक्षण में किसी तरह के बदलाव की गुंजाइश तकरीबन नहीं के बराबर है।