
तरूण भार्गव
चंदौली। चकिया ब्लाक के डोड़़ापुर माफी गांव के समीप पहाड़ी व वन भूमि पर अवैध अतिक्रमण का दौर जारी है। अतिक्रमणकारी बेरोकटोक वन भूमि पर कब्जा कर रहे हैं। इससे आसपास के काश्तकारों की चिंता बढ़ गई है। इसको लेकर कई बार शिकायत कर चुके हैं, लेकिन विभागीय अधिकारी व प्रशासन मौन साधे हुए हैं।
डोडापुर में पहाड़ी से सटे किसानों की जमीन व वन भूमि का सीमांकन न होने से आसपास के ग्रामीणों ने वन भूमि पर अवैध रूप से अतिक्रमण कर पक्के निर्माण तक करा लिया है। कहीं झुग्गी-झोपड़ी तो कहीं कच्चा व पक्का निर्माण करा लिया है। इसकी वजह से काश्तकारों को अब अपनी जमीन की चिंता सताने लगी है कि कहीं अतिक्रमण का दायरा बढ़ते-बढ़ते उनकी जमीन तक न पहुंच जाए। काश्तकारों ने इसको लेकर कई बार अधिकारियों से शिकायत की। संपूर्ण समाधान दिवस में भी जिलाधिकारी को पत्रक सौंपकर वन भूमि का सीमांकन कराने और अतिक्रमणकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की, ताकि स्थिति स्पष्ट हो सके। हालांकि इसको लेकर प्रशासन गंभीर नहीं है। वहीं वन विभाग भी चैन की नींद सो रहा है। इसकी वजह से अतिक्रमण का दायरा लगातार बढ़ता जा रहा है।
एक बार कार्रवाई कर चुप बैठ जाता है विभाग
वन विभाग शिकायत के बाद एक बार कार्रवाई करता है। इसके बाद चुप्पी साध लेता है। अतिक्रमणकारी दोबारा सक्रिय हो जाते हैं और वन भूमि में झुग्गी-झोपड़ी व पक्के निर्माण कराने का सिलसिला शुरू हो जाता है। इससे न सिर्फ आसपास के काश्तकारों की चिंता बढ़ गई है, बल्कि वन्य जीवों व इंसानों के लिए भी खतरा बढ़ गया है।