
चंदौली। गंगा और उसकी सहायक नदियों के संरक्षण, स्वच्छता एवं पुनर्जीवन को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से उत्तर प्रदेश राज्य स्वच्छ गंगा मिशन द्वारा इस वर्ष “गंगा सम्मान पुरस्कार 2025“ का आयोजन राज्य स्तर पर किया जाएगा। गंगा और उसकी सहायक नदियों की सफाई, संरक्षण में विशेष योगदान देने वालों को सरकार सम्मानित करेगी। जिला गंगा समितियों को उपयुक्त नामांकन प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं।
जिला परियोजना अधिकारी दर्शन निषाद ने जानकारी दी कि प्रदेश के सभी जनपदों की जिला गंगा समितियों को निर्देशित किया गया है कि वे उपयुक्त नामांकन प्रस्तुत करें। गंगा सम्मान पुरस्कार का मुख्य उद्देश्य उन व्यक्तियों, संस्थाओं और संगठनों को सम्मानित करना है, जिन्होंने नदियों की स्वच्छता, जैव विविधता संरक्षण, जल संरक्षण तथा सामुदायिक सहभागिता के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य किए हैं।
आठ श्रेणियों में मिलेगा पुरस्कार
- श्रेष्ठ स्वंयसेवी संगठन
- श्रेष्ठ पर्यावरणविद
- श्रेष्ठ शैक्षिक संस्था
- श्रेष्ठ ग्राम प्रधान
- श्रेष्ठ सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर
- छोटी नदियों के पुनर्जीवन हेतु प्रयास
- श्रेष्ठ जिला गंगा समिति
- श्रेष्ठ जिला परियोजना अधिकारी
नामांकन हेतु संबंधित व्यक्ति या संस्था को 50 से 100 शब्दों में किए गए कार्यों का संक्षिप्त विवरण प्रस्तुत करना होगा। साथ ही दस्तावेज, फोटोग्राफ, मीडिया रिपोर्ट एवं प्रमाण पत्र संलग्न करना आवश्यक है। प्रत्येक श्रेणी में केवल एक नामांकन स्वीकार किया जाएगा।
पुरस्कारों के चयन के लिए जो प्रमुख मानदंड निर्धारित किए गए हैं, उनमें नेतृत्व क्षमता, जनजागरूकता, नवाचार, सामुदायिक सहभागिता, अपशिष्ट प्रबंधन, जल संरक्षण, पौधारोपण और विभागीय समन्वय शामिल हैं।
इस डेट तक नामांकन
नामांकन प्रस्तुत करने की अंतिम तिथि 29 अगस्त निर्धारित की गई है। इसके उपरांत सभी आवेदन जिलाधिकारी/अध्यक्ष एवं प्रभागीय वनाधिकारी/संयोजक, जिला गंगा समिति द्वारा आवश्यक दस्तावेजों सहित छाँटकर राज्य स्वच्छ गंगा मिशन, लखनऊ को 30 अगस्त 2025 तक अग्रसारित किए जाएंगे।
जिला परियोजना अधिकारी दर्शन निषाद ने बताया कि इच्छुक व्यक्ति या संस्थाएँ प्रभागीय वनाधिकारी कार्यालय स्थित जिला गंगा समिति कक्ष से विस्तृत जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। साथ ही उनसे सीधे दूरभाष 7398409333 पर भी संपर्क किया जा सकता है।

