
चंदौली । अपर जनपद एवं सत्र न्यायाधीश पारितोष श्रेष्ठ की अदालत ने 16 वर्ष पुराने दोहरे हत्याकांड के मामले में बड़ा फैसला सुनाते हुए पांच आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही अदालत ने प्रत्येक पर 20-20 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। जुर्माना न अदा करने पर अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।
यह है पूरा मामला
एडीजीसी अवधेश कुमार पांडेय एडवोकेट ने जानकारी दी कि वादिनी मोहिनी सिंह, निवासी महुअर कला के पिता सुरेंद्र सिंह और भाई जयकिशन सिंह 7 फरवरी 2009 की भोर चार बजे मारकंडेय महादेव मंदिर दर्शन करने गए थे। सुबह करीब सात बजे वादिनी को सूचना मिली कि उनके पिता और भाई की गोली मारकर हत्या कर दी गई है। दोनों के शव सरफुद्दीनपुर स्थित बनरावाली बारी में पाए गए।
जांच में स्पष्ट हुआ कि हत्या कोटे की रंजिश के चलते की गई थी। मोहिनी सिंह की तहरीर पर बलुआ थाना में मुकदमा दर्ज किया गया और पांच आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल किया गया।
सजा पाए दोषी आरोपी
- केशरी सिंह पुत्र रामकिशुन सिंह
- अजीत सिंह पुत्र गोपाल सिंह
- सुनील सिंह पुत्र जनार्दन सिंह
- धर्मराज सिंह पुत्र रामलखन सिंह
- संतोष सिंह पुत्र लक्ष्मी सिंह
(सभी निवासी ग्राम महुअर कला, थाना बलुआ, जनपद चंदौली)
वहीं, एक अन्य आरोपी रामलखन सिंह की मृत्यु विचारण के दौरान हो चुकी थी। अदालत ने यह भी निर्देश दिया कि आरोपियों द्वारा पूर्व में जेल में बिताई गई अवधि को उनकी सजा में समायोजित किया जाएगा।
अभियोजन पक्ष की पैरवी
इस मामले में अभियोजन की ओर से एडीजीसी क्रिमिनल अवधेश कुमार पांडेय, विशेष लोक अभियोजक रमाकांत उपाध्याय और वरिष्ठ अधिवक्ता अमरेन्द्र प्रताप सिंह ने अदालत में पैरवी की।