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चंदौलीप्रशासन एवं पुलिसराज्य/जिला

भू माफियाओं की आंख की किरकिरी बने सकलडीहा एसडीएम का ट्रांसफर

चंदौली। तेज तर्रार आईएएस व सकलडीहा एसडीएम प्रेम प्रकाश मीणा को सीएम योगी आदित्यनाथ की मंशा को परवान चढ़ाने की सजा मिली है। बगैर ठोस वजह उनका स्थानांतरण चकिया तहसील क्षेत्र में कर दिया गया है। सकलडीहा में चार्ज संभालने के बाद से ही वह भू माफियाओं की आंख की किरकिरी बने हुए थे। जमीनी विवादों का धड़ाधड़ निस्तारण और सरकारी जमीनों को कब्जामुक्त कराने की उनका अभियान रंग लाने लगा था। लेकिन उनकी यही कार्यशैली सत्ता का चोला ओढ़े कुछ भू-माफियाओं को चुभने लगी। एसडीएम के हाथ जब ऐसे लोगों की गिरेबान तक पहुंचे तो बेचैन हो उठे। नतीजा सबके सामने है। शासकीय कार्यहित को आधार बनाकर एसडीएम का स्थानांतरण कर दिया गया।

भाजपा जिला पंचायत सदस्य को अवैध अतिक्रमण पर भेजी थी नोटिस

सकलडीहा एसडीएम ने भू माफियाओं के खिलाफ अभियान छेड़ा तो सत्ता पक्ष के कई नेता भी कार्रवाई की जद में आने लगे। पपौरा गांव में भाजपा समर्थित जिला पंचायत सदस्य को भी एसडीएम ने नोटिस भिजवाई थी। पैमाइश और जांच में यह बात साफ हो चुकी है कि जिला पंचायत सदस्य और उसके परिवार के लोगों ने सार्वजनिक तालाब को पाटकर उसपर अपना आशियाना तैयार किया है। उसके निर्माण का 80 फीसदी हिस्सा अवैध की श्रेणी आ रहा है। एसडडीएम के रहते उसके अवैध निर्माण पर बुल्डोजर चलना तय था। मादक पदार्थ की तस्करी के आरोप में पूर्व में जेल जा चुके जिला पंचायत सदस्य कुछ दिनों से सकलडीहा में भाजपा की नुमाइंदगी करने वाले नेता के खास बने हुए हैं। इस बात की भी चर्चा है कि नेताओं ने अपने रसूख का इस्तेमाल कर एसडीएम को हटवाया है। बहरहाल इस फैसले से भ्रष्टाचार मुक्त सरकार का राग अलापने वाले स्थानीय नेताओं का दोहरा चरित्र भी उजागर हुआ है। बहरहाल एसडीए का नया कार्यक्षेत्र अब चकिया होगा। चकिया में भी अवैध खनन और सरकारी जमीनों पर अतिक्रमण से जुड़े मामलों की लंबी फेहरिस्त है। अब देखना यह है कि एसडीएम यहां कितने समय तक टिक पाते हैं।

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