
चंदौली। भाजपा विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद कार्यवाहक सीएम योगी आदित्यनाथ शुक्रवार को सीएम पद की शपथ लेंगे। वाराणसी के कई विधायकों का मंत्री बनना तय है। लेकिन चंदौली के किसी भी विधायक के मंत्रिमंडल में शामिल होने की संभावना नहीं के बराबर है। हालांकि कल मंत्रिमडल की तस्वीर भी साफ हो जाएगी।
आड़े आ रहा जातिगत समीकरण
चंदौली में बीजेपी का प्रदर्शन शानदार रहा और जनता का साथ मिलने के बाद पार्टी 2017 चुनाव का प्रदर्शन दोहराने में कामयाब रही। यहां तीन सीटों पर भाजपा प्रत्याशियों ने जीत दर्ज की। बावजूद इसके जातिगत समीकरण के आधार पर यहां के किसी भी विधायक के मंत्री बनने की संभावना न के बराबर है। बीजेपी में वैश्य और राजपूत वर्ग से आने वाले विधायकों की भरमार है। बीजेपी जातिगत संतुलन बनाए रखते हुए मंत्रिमडल में सभी वर्गों की उपस्थिति सुनिश्चित करने की ओर देख रही है। राजपूत और वैश्य वर्ग में कई बड़े चेहरे मौजूद हैं। लिहाजा जिले के विधायकों की दावेदारी खुद-ब-खुद कमजोर हो जाती है। चकिया विधायक कैलाश आचार्य खरवार जाति से जरूर आते हैं लेकिन उनकी उम्र मंत्री की कुर्सी तक पहुंचने की राह में रोड़ा बन सकती है। जबकि दूसरा पहलू यह कि अनुसूचित वर्ग के नेताओं की बात हो तो लक्ष्मण आचार्य भी बड़ा नाम हैं। मंत्रिमडल को लेकर भले की तमाम तरह के कयास लगाए जा रहे हों लेकिन चंदौली का एक भी विधायक हाल फिलहाल मंत्रिमंडल में शामिल होता नजर नहीं आ रहा।